29.1 C
Bhopal

कार्बाइड गन के शौकीनों की अब खैर नहीं, डिप्टी सीएम ने किया आगाह, आंख प्रभावितों का हाल जानने सुबह-सुबह हमीदिया पहुंचे शुक्ल

प्रमुख खबरे

भोपाल। दीपावली पर चलाए गए देसी कार्बाइड गन से मध्यप्रदेश में सैकडों लोगों की आंखें जख्मी हुई हैं। राजधानी भोपाल की बात करें तो यहां पर 162 लोग इस देसी कार्बाइड गन का शिकार हुए हैं। जिन्हें शहर के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया। राजधानी में कार्बाइड गन का शिकार हुए लोगों का हाल जानने मप्र के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल शुक्रवार हमीदिया अस्पताल पहुंचे। जहां उन्होंने घायलों की स्थिति की जानकारी ली।

डिप्टी सीएम शुक्ल ने सुबह करीब 7 बजे हमीदिया अस्पताल पहुंचकर कार्बाइन गन से घायल युवाओं और बच्चों का हाल जाना। शुक्ला करीब एक घंटे तक अस्पताल में रहे। इस अवसर पर गांधी मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. कविता सिंह, अधीक्षक डॉ. सुनीत टंडन तथा अन्य वरिष्ठ चिकित्सक मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने डॉक्टरों से घायलों के स्वास्थ्य की जानकारी ली और उनके उपचार की लगातार मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध रूप से पटाखा निर्माण या विस्फोटक सामग्री रखने वालों की सघन जांच की जा रही है। दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

डिप्टी सीएम ने बढ़ाया घायलों का मनोबल
वहीं अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों ने बताया कि दुर्घटना में घायल कुल 37 मरीजों में से 32 को जरूरी इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। 5 मरीजों का उपचार अभी जारी है। उप मुख्यमंत्री ने घायलों से मुलाकात कर उनका मनोबल बढ़ाया और कहा कि राज्य सरकार उनके पूर्ण स्वास्थ्य लाभ तक हरसंभव सहायता प्रदान करेगी। शुक्ल ने चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ की सराहना करते हुए कहा कि सभी घायलों को सर्वोत्तम उपचार मिलना चाहिए और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

जानकारी में आया गंभीर तथ्य
कार्बाइड गन के खतरे को लेकर दो साल पहले 2023 में आईसीएमआर भोपाल ने चेतावनी दी थी। आईसीएमआर के वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में बताया था कि कैल्शियम कार्बाइड और पानी के रासायनिक प्रतिक्रिया से बनने वाली गैस ‘एसिटिलीन’ केवल धमाका नहीं करती, बल्कि आंखों की रोशनी को भी नुकसान पहुँचा सकती है। यह स्टडी इंडियन जर्नल ऑफ ऑप्थेलमोलॉजी में प्रकाशित भी हुई थी। उसके बावजूद समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, जिसकी वजह से अब तक भोपाल के अलग-अलग अस्पतालों में लगभग 162 लोग कार्बाइड गन से घायल हो चुके हैं। इनमें अधिकांश की आंखें जल चुकी हैं और उन्हें देखने में परेशानी हो रही है।

- Advertisement -spot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

ताज़ा खबरे