लंदन। भारतीय डेलीगेशन में शामिल भाजपा सांसद गुलाम अली खटाना ने आतंक के आका के पाकिस्तान को खूब खरी-खोटी सुनाई है। खटाना भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं। उन्होंने लंदन के इंडिया हाउस में भारतीय प्रवासियों से बातचीत करते हुए कहा कि पड़ोसी मुल्क एक कटोरा लेकर भीख मांगता है, तो दूसरी ओर आतंकवाद फैलाता है। भारत आतंकवाद को कुचलना जानता है। उसे किसी की मध्यस्थता की जरूरत नहीं है।
ब्रिटेन में प्रवासीय भारतीयों को संबोधित करते हुए खटाना ने कहा कि आप लोग हमारे राजदूत हैं। हम लड़ाई करेंगे। हमारी सेना वहां लड़ेगी। हमें यहां कूटनीतिक लड़ाई लड़नी है, सोशल मीडिया की लड़ाई लड़नी है। हमें लड़ना है और अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करना है। हम चुप रहते हैं और सोचते हैं कि यह मेरा काम नहीं है।’ उन्होंने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि ‘पाकिस्तान एक तरफ भीख मांगता है। दूसरी तरफ आतंकवाद फैलाता है। वह समय चला गया है। हम यहां यूरोप में हैं और हमारे दूसरे दोस्त दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में यह संदेश देने के लिए हैं कि हम आतंकवाद को कुचलना जानते हैं। हमें किसी की मध्यस्थता की जरूरत नहीं है।
पड़ोसी देश को अस्थिर करने रच रहा साजिश
भाजपा सांसद ने कहा कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर समेत पूरे देश को अस्थिर करने की साजिश रच रहा है। वह लोकतंत्र को खत्म करना चाहता है। इसलिए वे अशांति पैदा करना चाहते हैं। पिछले 30 वर्षों में 4000 से अधिक लोग मारे गए। कितने बच्चे अनाथ हो गए, कई लोग चले गए, खासकर कश्मीरी पंडित। वे हमारी ऐतिहासिक विरासत का हिस्सा थे।’ उन्होंने आगे कहा कि अनुच्छेद 370 के खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक भागीदारी बढ़ने से पाकिस्तान परेशान है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे भारत पाकिस्तान के साथ तीन नदियों का पानी साझा करता है, फिर भी उसे बदले में घुसपैठ, ड्रग्स और आतंकवाद मिलता है।
पाकिस्तान से बात से परेशान
खटाना ने कहा, ‘पाकिस्तान कहता है कि हमने उसका पानी रोक दिया है। हमने उन्हें अपनी नदियों का 80% पानी दिया है और बदले में पाकिस्तान ने हमें घुसपैठ, आतंकवाद, ड्रग्स दिए हैं। पाकिस्तान को इस बात से परेशानी है कि लोकतंत्र में लोगों की भागीदारी बढ़ी, कश्मीर दुनिया का एक शांतिपूर्ण क्षेत्र बन गया, लोगों ने मतदान करना शुरू कर दिया, पर्यटन, बुनियादी ढांचे में उछाल आया और अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद महिलाओं को उनके अधिकार मिले।’