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उत्तराखंड को बड़ी सौगात: केन्द्र ने केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोप-वे परियोजना को दी हरी झंडी, खर्च होंगे 6,811 करोड़

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नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम की पर्वतमाला परियोजना के तहत उत्तराखंड को बड़ी सौगात दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोप-वे प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दे दी है। सरकार ने सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना को मंजूरी दे दी है। जबकि गोविंदघाट से हेमकुंड साहिबजी के बीच भी 12.4 किमी लंबा रोपवे बनेगा। इन अहम फैसलों की जानकारी केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी है।

मंत्री ने बताया कि केन्द्रीय कैबिनेट सोनप्रयाग से केदारनाथ तक और गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब जी तक रोपवे परियोजना- पर्वतमाला परियोजना के विकास को मंजूरी दे दी है। इन दोनों परियोजनाओं में 6,811 करोड़ रुपये की लागत आएगी। परियोजना का बड़ा फायदा यह होगा कि जिस यात्रा में वर्तमान में 8-9 घंटे लगते हैं, इसके बनने के बाद घटकर 36 मिनट की हो जाएगी…इसमें 36 लोगों के बैठने की क्षमता होगी।

4,081.28 करोड़ में विकसित होगा केदारनाथ रोपवे परियोजना
सोनप्रयाग से केदारनाथ रोपवे परियोजना को डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और स्थानांतरण (डीबीएफओटी) मोड पर 4,081.28 करोड़ रुपये की कुल पूंजी लागत पर विकसित किया जाएगा। वैष्णव ने बताया कि गोविंदघाट से हेमकुंड साहिबजी तक 12.4 किमी लंबी रोपवे परियोजना को भी डीबीएफओटी प्रारूप पर विकसित किया जाएगा, जिसपर कुल लागत 2,730.13 करोड़ रुपये आएगी। इन दो महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के निर्माण की समयसीमा चार से छह वर्ष निर्धारित की गई है।

रोपवे के निर्माण से रोजगार के अवसर होंगे पैदा
बता दें कि रोपवे को सार्वजनिक-निजी भागीदारी में विकसित करने की योजना है और यह सबसे उन्नत ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला (3एस) तकनीक पर आधारित है। जिसकी डिजाइन क्षमता 1,800 यात्री प्रति घंटे प्रति दिशा (पीपीएचपीडी) होगी और यह प्रतिदिन 18,000 यात्रियों को ले जाएगा। रोपवे परियोजना निर्माण और संचालन के दौरान और साथ ही पूरे वर्ष आतिथ्य, यात्रा, खाद्य और पेय (एफएंडबी) और पर्यटन जैसे संबद्ध पर्यटन उद्योगों में पर्याप्त रोजगार के अवसर पैदा करेगी।

एलएचडीसी के तहत जेनेरिक पशु चिकित्सा दवाओं की आपूर्ति को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने बुधवार को 3,880 करोड़ रुपये के पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम में बदलाव को भी मंजूरी दे दी। इसके कार्यक्रम के तहत किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली और सस्ती जेनेरिक पशु चिकित्सा दवाओं का वितरण किया जाना है।

पशुधन स्वास्थ्य व रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एलएचडीसीपी) के लिए 2024-25 और 2025-26 के लिए कुल 3,880 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाताओं को बताया, “कैबिनेट में पशुधन स्वास्थ्य से संबंधित निर्णय लिया गया है। योजना के पशु औषधि घटक के तहत उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।” एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि पशु औषधि एलएचडीसीपी योजना में जोड़ा गया नया घटक है।

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