भोपाल। भारत की पहली एआई लाइटहाउस सिटी के रूप में राजधानी भोपाल को स्थापित करने की क्रेडाई भोपाल की पहल को राज्य सरकार से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। क्रेडाई द्वारा प्रस्तुत एआई लाइटहाउस सिटी क्रेडाई + ओपनएआई विजन दस्तावेज और मैरी मीकर की वैश्विक रिपोर्ट के विश्लेषण के बाद गत शाम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय दुबे से हुई बैठक में महत्वपूर्ण बैठक में एसीएस ने आश्वासन दिया कि एक्सप्रेशन आॅफ इंटरेस्ट की दिशा में कार्रवाई की जाएगी, और यह विषय ओपनएआई के चीफ स्ट्रैटेजिक आॅफिसर के समक्ष रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में मध्यम और लघु स्तर के डेटा सेंटर्स के प्रस्ताव आने लगे हैं। सरकार की योजना भोपाल और इंदौर में नॉलेज व इंटेलिजेंस जोन विकसित करने की है, जो आने वाले वर्षों में एआई आधारित इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरतों को पूरा करेंगे।
इस अवसर पर क्रेडाई ने अपना पूर्ववर्ती पत्राचार, कॉन्सेप्ट नोट, और एआई लाइटहाउस सिटी की ब्रीफिंग नोट्स सरकार को औपचारिक रूप से सौंपे। इसमें बिना किसी फंड की माँग के, केवल नीति समर्थन की अपेक्षा, क्रेडाई, कॉरपोरेट, टेक और निजी भागीदार द्वारा टेक्निकल और अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रस्ताव समेत छात्रों, युवाओं, एमएसएमई और महिलाओं के लिए नए अवसर की बात कही गई है। क्रेडाई अध्यक्ष ने मनोज सिंह मीक ने कहा कि यह सिर्फ एक शहरी तकनीकी परियोजना नहीं, बल्कि एक भावी पीढ़ियों के लिए परिवर्तनकारी पहल है। राज्य सरकार की तत्परता से यह स्पष्ट है कि मध्यप्रदेश अब केवल देखने वाला नहीं, नेतृत्व करने वाला राज्य बनने को तैयार है।
मैरी मीकर रिपोर्ट में भी संकेत
राजधानी को एआई और स्मार्ट इंडस्ट्री हब बनाने की हसरतों के बीच विश्व प्रसिद्ध टेक विश्लेषक मैरी मीकर की एआई ट्रेंड्स 2025 रिपोर्ट ने वह भी सारे संकेत दे दिए हैं, जिन पर क्रेडाई भोपाल अप्रेल-मई माह में मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को विस्तृत प्रस्ताव व कॉन्सेप्ट नोट देकर फर्स्ट-मूवर एडवांटेज के लिए ध्यान आकर्षित कर चुका है। 340 पेज की टेक रिपोर्ट एआई ट्रेंड्स 2025 – मैरी मीकर को महत्वपूर्ण बिंदुओं के साथ, कार्ययोजना बना रहे राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम को भेजा है। मीकर की रिपोर्ट में बताया गया है कि एआई अब केवल तकनीक नहीं, बल्कि नया ह्यइंफ्रास्ट्रक्चर है, जैसे बिजली और इंटरनेट।
वैश्विक एआई निवेश में हर साल 21% की वृद्धि हो रही है। सरकारें अब ओपन-एआई का चैटजीपीटी गॉव जैसे एआई गवर्नेंस मॉडल बना रही हैं। भारत, दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल एआई यूजर बन चुका है। विश्व का 14% उपयोग भारत से। रिसर्च, डिजाइन और कस्टमर सपोर्ट जैसे क्षेत्रों में एआई के उपयोग से 14-30% तक उत्पादकता में सुधार आया है।एआई से कोडिंग का समय 30%-50% तक घट गया है। 50% से अधिक छात्र एआई टूल्स जैसे का उपयोग शैक्षणिक लेखन, कोडिंग और टेस्ट तैयारी के लिए कर रहे हैं। वकीलों की प्रोडक्टिविटी में 25%-30% सुधार हुआ।