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बकरीद से पहले आईएएस नियाज खान की पोस्ट से छिड़ी नई बहस

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मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी नियाज खान एक बार फिर अपने विचारों को लेकर चर्चा में हैं। बकरीद के ठीक पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर पशुबलि के विरोध में पोस्ट साझा कर समाज में एक नई बहस को जन्म दे दिया है। खान का कहना है कि पृथ्वी केवल इंसानों की नहीं, बल्कि हर जीव-जंतु, पेड़-पौधे की भी है और उनके जीवन की रक्षा उतनी ही जरूरी है।

मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी नियाज खान एक बार फिर अपने विचारों को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने बकरीद से कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर पशुबलि के विरोध में दो टिप्पणियां की है। नियाज खान ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह पृथ्वी केवल इंसानों के लिए नहीं है। पेड़-पौधे, जीव-जंतु- सभी का इस धरती पर समान अधिकार है और इनकी रक्षा भी उतनी ही जरूरी है। वहीं दूसरी पोस्ट में उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पशुओं का खून बहाना किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं है।

नियाज खान मूल रूप से छत्तीसगढ़ से हैं और 2015 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। इससे पहले वे राज्य प्रशासनिक सेवा में कार्यरत थे।  उन्होंने अब तक सात उपन्यास लिखे हैं, जिनमें से एक पर चर्चित वेब सीरीज ‘आश्रम’ आधारित है। हालांकि, इसका श्रेय न मिलने पर उन्होंने निर्माताओं के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की है।

नियाज खान अपने बेबाक विचारों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने एक पुस्तक ‘ब्राह्मण द ग्रेट’ भी लिखी है, जिसमें ब्राह्मण समाज और सनातन संस्कृति की प्रशंसा की गई थी। उस वक्त भी उनकी लेखनी पर राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। अब एक बार फिर, बकरीद से पहले पशुबलि पर टिप्पणी कर नियाज खान ने एक नई चर्चा शुरू कर दी है।

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