मुंबई। भारत के दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी से जुड़ी बड़ी खबर आई है। दरअसल प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को अनिल अंबानी के ठिकानों पर छापेमारी की है। ईडी ने अनिल अंबानी के एक- दो नहीं बल्कि 48 से 50 जगहों पर एक साथ छापे मारे हैं। जद में रहे हैं दिल्ली और मुंबई के ठिकाने। बताया जा रहा है कि इडी की यह कार्रवाई अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस अनिल धीरूभाई समूह की कंपनियों के खिलाफ ऋण धोखाधड़ी मामले में की गई है।
अनिल अंबानी के खिलाफ ईडी का यह एक्शन नेशनल हाउसिंग बैंक, सेबी, नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी, बैंक आॅफ बड़ौदा और सीबीआई की दो एफआईआर के आधार पर की गई। अनिल अंबानी से जुड़ी कंपनियों के कई वरिष्ठ अधिकारियों के परिसरों में भी तलाशी ली जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत 50 कंपनियों और 25 से अधिक व्यक्तियों के 35 से अधिक परिसरों पर छापेमारी की जा रही है। सूत्रों की मानें तो पूर्व अध्यक्ष राणा कपूर सहित यस बैंक के अधिकारी भी जांच के घेरे में हैं।
ईडी को मिले हैं अहम सबूत
ईडी को जांच में इस बात के सबूत मिले हैं कि यह सार्वजनिक धन की हेराफेरी के लिए रची गई एक सुनियोजित साजिश थी। इसमें कई संस्थानों, बैंकों, शेयरधारकों और निवेशकों को ठगा गया. घूसखोरी के एंगल से भी जांच की जा रही है, जिसमें यस बैंक के प्रमोटर्स भी संदेहास्पद हैं। साल 2017 से 2019 के बीच यस बैंक से लिए गए करीब 3,000 करोड़ रुपये के ऋण की अवैध तरीके से हेराफेरी और दुरुपयोग का शक है।
अनिल अंबानी क्यों घोषित किए गए फ्रॉड?
इससे पहले स्टेट बैंक आॅफ इंडिया ने हाल ही में अनिल अंबानी को फ्रॉड घोषित किया था. इस महीने की शुरूआत में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्?युनिकेशन के लोन अकाउंट को एसबीआई से बड़ा झटका मिला था। एसबीआई ने कंपनी को दिसंबर 2023, मार्च 2024 और सितंबर 2024 में कारण बताओ नोटिस भेजा था। कंपनी के जवाब की समीक्षा करने के बाद बैंक ने कहा था कि अनिल अंबानी की कंपनी ने अपने लोन की शर्तों का पालन नहीं किया और अपने अकाउंट्स के संचालन में अनियमितताओं के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी।