मध्य प्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग एवं जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत संचालित सरकारी स्कूलों में मध्यप्रदेश राज्य शिक्षा सेवा (शाला शाखा) के अंतर्गत नियुक्त किए गए अध्यापकों के प्रमोशन नियमों में संशोधन किया गया है।
मध्य प्रदेश लोक शिक्षण संचालनालय की ओर से बताया गया है कि, मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) दिनांक 20 दिसम्बर 2022 द्वारा मध्यप्रदेश राज्य शिक्षा सेवा (शाला शाखा) में भर्ती तथा पदोन्नति नियम 2016 में निम्नानुसार संशोधन जारी किया गया :- “यदि उच्च्तर पदों की रिक्तियों को भरने की तत्काल आवश्यकता है और उपयुक्त शासकीय सेवक जो उच्चतर पद के लिए अपेक्षित योग्यता धारित करते हों तथा वरिष्ठता सह उपयुक्तता के आधार पर उपलब्ध तथा पात्र हों, तब ऐसी दशा में नियुक्त प्राधिकारी संबंधित पद पर आगामी आदेश तक स्थानापन्न रूप से उच्चतर पद पर कार्य करने हेतु आदेश जारी कर सकेगा।
ऐसे उच्चतर पद पर स्थानापन्न रूप से कार्य करने के लिये आदेशित अधिकारियों को ऐसे उच्चतर पद के ऐसे उच्चतर रैंक पर तब तक कोई वरिष्ठता या वेतन नहीं होगा, जब तक कि ऐसे अधिकारी, ऐसे उच्चतर पद पर स्थानापन्न रूप से कार्य नहीं करता है। ऐसा स्थानापन्न रूप से कार्य करने वाले अधिकारी, ऐसे उच्चतर पद पर पदोन्नति किसी अधिकारी द्वारा यथा प्रयोज्य ऐसे उच्चतर पद की समस्त शक्तियों का प्रयोग करेगा, जो वह वर्तमान में स्थानापन्न रूप से कार्य कर रहा है।”
उपरोक्त संशोधन के क्रम में भर्ती एवं पदोन्नति नियम 2016 में सम्मिलित लोक सेवकों को उच्च पद प्रभार दिये जाने की कार्यवाही की गई। उच्च पद प्रभार अंतर्गत केवल उच्च पद पर कार्य करने हेतु आदेशित किया गया, उन्हें किसी भी प्रकार के वेतन भत्ते एवं वरिष्ठता प्रदाय नहीं की गई है।
विभागीय भर्ती एवं पदोन्नति नियम 2016 में प्रधानाध्यापक मा.वि. को व्याख्याता के पद पर पदोन्नति का प्रावधान है, किंतु इस पदोन्नति हेतु उच्च श्रेणी शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक की एकीकृत वरिष्ठता सूची में, उच्च श्रेणी शिक्षक की राज्य स्तरीय वरिष्ठता सूची के आधार पर व्याख्याता उ.मा. वि.के पद पर पदोन्नति की जाती है।