मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 7 नवंबर को वर्ल्डकप विजेता भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सदस्य और राज्य की बेटी क्रांति गौड़ का सम्मान किया।
मुख्यमंत्री निवास में आयोजित कार्यक्रम में टीम इंडिया की ऑलराउंडर क्रांति के पिता मुन्नालाल गौड़, मां नीलम गौड़ और कोच राजीव बिरथरे भी उपस्थित थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव काफी खुश दिखाई दिए। उन्होंने एक तरफ क्रांति के पिता की बहाली के प्रयास की बात कही, तो दूसरी ओर छतरपुर में नया क्रिकेट स्टेडियम बनाने की घोषणा भी की।
इस मौके पर उन्होंने सभी को फिटनेस पर ध्यान देने की अपील भी की। इस मौके पर क्रांति गौड़ ने भी अपने जीवन के खट्टे-मीठे पल शेयर किए। उन्होंने यह भी राज खोला कि टीम इंडिया ने सेमीफाइनल किसके लिए खेला।
यादव ने कहा कि हमें जीवन में रोज फिटनेस का ध्यान रखना चाहिए। आप सभी योग करें और निरोग रहें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग को दुनिया में पहुंचाया। लाखों लोग योग करके अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। मैं बचपन में मां के साथ शिप्रा में स्नान के लिए जाता था।
हमारा खेत भी शिप्रा के किनारे ही है। शिप्रा में तैरने का अपना अलग आनंद है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के बीच आकर अपने जीवन के पुरानी यादें ताजा हो जाती हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि अनेक कठिनाइयों से निकलकर हमारी बेटी क्रांति अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंची है। क्रांति के पिता की बहाली के लिए भी प्रयास करेंगे।
15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती पर जबलपुर में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। उस कार्यक्रम में क्रांति का सम्मान किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि छतरपुर में नया क्रिकेट स्टेडियम बनाया जाएगा।
दूसरी ओर, क्रांति ने बताया कि मेरे लिए यह पल अविस्मरणीय है। विश्वकप जीतना पूरे देश के लिए गर्व करने वाला पल रहा। खिलाड़ियों को अपनी फिटनेस पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं बिल्कुल भी मीठा नहीं खाती हूं। मुझे हार-जीत के वक्त योग और ध्यान से मन को शांत रखने में मदद मिल रही थी।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी से मिलना जीवन का बड़ा अवसर था। युवा खिलाड़ी अपने और परिवार के सपनों को पूरा करें। कितना भी कठिन समय आए, हमें न हार माननी है और न ही परिस्थिति को छोड़कर भागना है।
क्रांति ने बताया कि मैंने कभी वो समय भी देखा है जब मुझे एक समय का खाना ही मिलता था। हमें आगे बढ़ना है, इसलिए कठिन परिश्रम करें। वर्ल्डकप इंडिया में होने से भारतीय टीम को काफी सपोर्ट मिला। उन्होंने कहा कि एक दिन हमें मंदिर के बाहर एक महिला मिली। उसकी गोद में 4 महीने की बेटी थी। महिला ने कोच से कहा कि मुझे इस बेटी को क्रिकेटर बनाना है। फिर हमने सेमीफाइनल मैच उस 4 महीने की बेटी के लिए खेला था।



