मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के बाणगंगा चौराहे पर सोमवार को एक बस हादसा हुआ। इस हादसे के बाद इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल की सोसाइटी ने जांच से बचने के लिए एक गड़बड़झाला किया। उन्होंने एक दिन पहले की तारीख में बस बेचने के कागजात बनवा लिए। पुलिस जांच में यह फर्जीवाड़ा सामने आया।
पुलिस ने इस मामले में दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इस स्कूल बस ने सिग्नल पर 8 गाड़ियों को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में स्कूटी से घर लौट रही डॉक्टर आयशा की जान चली गई थी। टीटी नगर पुलिस के अनुसार, इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल की बस से हुए हादसे के बाद जांच शुरू हुई।
जांच में पता चला कि दुर्घटना के तुरंत बाद बैकडेट में दस्तावेज तैयार किए गए थे। पुलिस का मानना है कि दस्तावेजों में दी गई तारीख हादसे के बाद ही बनाई गई है। हादसे का मुख्य आरोपी बस ड्राइवर विशाल बैरागी अभी तक फरार है। घटना के बाद बस ड्राइवर भाग गया था। पुलिस ने ड्राइवर और बस मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। इस घटना के बाद प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की। आरटीओ को निलंबित कर दिया गया और पीड़ितों को आर्थिक मदद दी गई।
हादसे के बाद भोपाल यातायात पुलिस ने लगभग 410 स्कूल और कॉलेज बसों की जांच की। इस जांच में 126 बसें मोटर व्हीकल एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी पाई गईं। इस घटना के बाद परिवहन विभाग की कार्यशैली पर कई सवाल उठ रहे हैं। पुलिस फिलहाल फरार ड्राइवर और इस मामले में अन्य लोगों को पकड़ने की कोशिश कर रही है।