मध्य प्रदेश के ग्लालियर और भोपाल में पिछले दिनों गैस लाइटर, प्लास्टिक पाइप और कैल्शियम कार्बाइड से बनी कार्बाइड गन और इस प्रकार के किसी भी प्रकार के उपकरणों की खरीद, बेच और निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मध्य प्रदेश शासन ने इस संबंध में आदेश भी जारी किया है।
दरअसल, इस मामले की गंभीरता को देखते हुए भोपाल कलेक्टर एंड डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत इस आशय का प्रतिबंधात्मक भी जारी किया गया है।
जिला कलेक्टर की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि कोई भी व्यक्ति/संगठन/व्यापारी ऐसे प्रतिबंधित पटाखे, आतिशबाजी और गैर-कानूनी मॉडिफाइड पटाखे (कार्बाइड गन) नहीं बनाएगा, स्टोर नहीं करेगा, बेचेगा या खरीदेगा जो लोहे, स्टील या PVC पाइप में विस्फोटक सामग्री भरकर बहुत ज्यादा आवाज करते हैं।
किसी भी तरह के गैर-कानूनी प्रतिबंधित पटाखे, आतिशबाजी, गैर-कानूनी मॉडिफाइड पटाखे (कार्बाइड गन) जो लोहे, स्टील या PVC पाइप में विस्फोटक सामग्री भरकर बहुत ज़्यादा आवाज करते हैं, उनकी बिक्री, वितरण या प्रदर्शन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।
गौरतलब है कि दीवाली के त्योहार के बीच कार्बाइड और पोटाश गन एक मुसीबत बनी है। इससे लोगों की आंखों को लगातार चोट पहुंच रही है। मध्य प्रदेश के जिलों से इस गन से हुई लोगों को हानि की खबरें सामने आई हैं।
इस बीच गुरुवार को भी चार मामले सामने आए हैं। जिसमें दो सरकारी अस्पताल और दो निजी अस्पताल में रिपोर्ट हुए। ये मामले ग्वालियर नहीं बल्कि दूसरे जिलों के थे। ग्वालियर के अब तक पांच केस सामने आए हैं।
लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच गुरुवार को ग्वालियर में कलेक्टर चिका चौहान ने गैस लाइटर, प्लास्टिक पाइप और कैल्शियम कार्बाइड से बनी ‘कार्बाइड गन’ और इसी प्रकार के अन्य खतरनाक उपकरणों के निर्माण, क्रय, विक्रय, प्रदर्शन एवं इनके उपयोग पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया।
वहीं इससे संबंधित सूचना के लिए पुलिस कंट्रोल रूम का नंबर जारी किया है। वहीं धनतेरस के दिन 18 अक्टूबर को इंदरगंज थाने में कार्बाइड गन के उपयोग के मामले में पहली एफआइआर दर्ज हो चुकी है।



