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एनसीआरबी की रिपोर्ट, बच्चों पर अपराध में पहले नंबर पर मप्र

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एनसीआरबी के 2023 के आंकड़ों के अनुसार, मध्यप्रदेश में जनजातियों, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की संख्या देश में चिंताजनक हैं। राज्य में दुष्कर्म, अपहरण और आत्महत्या के मामले ऊंचे दर्ज किए गए हैं।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी किए गए वर्ष 2023 के आंकड़ों में मध्यप्रदेश जनजातियों (आदिवासी वर्ग) से अपराध के मामले में देश में नंबर दो पर आ गया है।

मध्य प्रदेश महिला अपराधों में भी किसी राज्य से पीछे नहीं है। महिला अपराध में भी मध्य प्रदेश की स्थिति ठीक नहीं है। देश में सबसे अधिक बच्चों के अपराध मध्यप्रदेश में हो रहे हैं।

एनसीआरबी के आंकड़ों में मध्य प्रदेश गंभीर अपराधों की श्रेणी में भी कहीं तीसरे तो कहीं चौथे नंबर पर है। कुछ अपराधों में मध्य प्रदेश की स्थिति में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन कुछ अपराधों में स्थिति और बिगड़ती जा रही है। दुष्कर्म के मामले में मध्य प्रदेश देश में तीसरे नंबर पर है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा वर्ष 2023 के जारी आंकड़ों में मध्य प्रदेश में दुष्कर्म के 2,979 केस दर्ज किए गए। दुष्कर्म की सर्वाधिक 5,078 घटनाएं राजस्थान में और इसके बाद 3,516 घटनाएं उत्तर प्रदेश में दर्ज की गई हैं।

एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023 में मध्य प्रदेश में अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ 2858 प्रकरण दर्ज किए हैं, जबकि वर्ष 2022 में यह संख्या 2979 थी। बड़े राज्यों में मध्य प्रदेश आदिवासियों के अपराध के मामले में पहले नंबर पर है, लेकिन देश के सभी राज्यों की स्थिति देखें तो मणिपुर में वर्ष 2023 में आदिवासियों में सबसे अधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं। मध्य प्रदेश में हत्या की घटनाओं में थोड़ी कमी आई है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023 में मध्य प्रदेश में 1,832 लोगों की हत्या हुई। वर्ष  2022 में 1978 लोगों की हत्याएं हुई थीं, जबकि वर्ष 2021 में 2,034 लोगों की हत्या की गई थी।

अपहरण और बच्चों से अपराध के मामलों में बढ़ोतरी

एमपी में अपहरण की घटनाओं में वृद्धि दर्ज की गई है। मध्य प्रदेश वर्ष 2023 में अपहरण के मामले में देश में पांचवें नंबर पर रहा। इस वर्ष प्रदेश में अपहरण की 11,768 घटनाएं हुईं। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक अपहरण के केस दर्ज किए गए हैं। मध्य प्रदेश में 32,342 मामले पंजीबद्ध किए गए। एमपी आत्महत्या के मामले में भी देश में तीसरे नंबर पर है। यहां वर्ष 2023 में 15,662 लोगों ने खुदकुशी की है। दहेज हत्या के मामलों में भी प्रदेश में 468 प्रकरण दर्ज हुए।

बच्चों पर अपराध में पहले नंबर पर

एमपी बच्चों से अपराध के मामले में रेड जोन में है। वर्ष 2023 में एमपी में में बच्चों पर अपराध के 1.77 लाख प्रकरण दर्ज किए गए हैं। वर्ष 2022 के आंकड़ों से यह संख्या नौ प्रतिशत से अधिक है। बच्चों के अपराध के मामले में मध्य प्रदेश देश में नंबर एक पर है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार हर दिन औसतन 486 और हर तीन मिनट में एक अपराध बच्चों के खिलाफ दर्ज हुए हैं।

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