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बसपा को कमजोर करने के लिए रची गई साजिश, कांग्रेस-सपा पर बरसी मायावती, निशाने पर रही भाजपा भी

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लखनऊ। बसपा के संस्थापक कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर मायावती ने लखनऊ स्थित कांशीराम स्मारक स्थल पर आयोजित महारैली को संबोधित किया। रैली में अलग-अलग राज्यों के कार्यकर्ता और समर्थकों का हुजूम उमडा। भारी भीड देखकर मायावती का भी जोश हाई रहा। इतना ही नहीं रैली को संबोधित करते हुए बसपा सुप्रीमों ने विरोधी दलों पर तीखा हमला बोला और गंभीर आरोप लगाया। इस दौरान मायावती ने 2027 में समर्थकों से यूपी में बसपा सरकार बनाने का आह्वान किया। कहा कि इसके लिए बसपा समर्थकों को बूथ स्तर पर छोटी-छोटी सभाएं कर बसपा के यूपी में चार बार रहे शासनकाल की उपलब्धियों को बताना है और पांचवीं बार सरकार बनाना है।

रैली को संबोधित करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी को केंद्र की सत्ता तक पहुंचने से रोकने के लिए कांग्रेस, भाजपा और सपा जैसे जातिवादी दलों ने मिलकर षड्यंत्र रचा। इन दलों ने न सिर्फ राजनीतिक रूप से बसपा को कमजोर करने की कोशिश की, बल्कि दलित वोटों को बांटने के लिए बिकाऊ लोगों को खरीदकर साजिश की। मायावती ने कहा कि साल 2007 में जब उत्तर प्रदेश में बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी, तब इन जातिवादी पार्टियों के चेहरे बेनकाब हो गए। उन्होंने कहा, कांग्रेस, भाजपा और सपा ने मिलकर षड्यंत्र किया कि बसपा को केंद्र की सत्ता तक न पहुंचने दिया जाए। रही-सही कसर ईवीएम ने पूरी कर दी।

कांग्रेस ने बाबासाहेब को नहीं दिया सच्चा सम्मान
मायावती ने कहा कि कांग्रेस ने देश में इमर्जेंसी लगातार बाबासाहेब के संविधान का अपमान किया था और कभी भी उनका सम्मान नहीं किया । उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर देश के संविधान और बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के सिद्धांतों का अपमान किया था। मायावती ने तंज कसते हुए कहा, कांग्रेस ने कभी भी डॉ. आंबेडकर और दलित समाज का सच्चा सम्मान नहीं किया। आज वही कांग्रेस नेता संविधान की कॉपी लेकर नाटकबाजी कर रहे हैं।

सपा की सरकार में हुआ दलितों-पिछड़ों का उत्पीड़न
वहीं सपा पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि सपा की सरकार में दलितों-पिछड़ों का उत्पीड़न हुआ है। इससे प्रदेश की कानून व्यवस्था भी चरमरा गई थी। सपा सरकार में गुंडों और अराजकतत्वों को संरक्षण दिया है। उन्होंने सपा पर भी तीखा हमला बोला और कहा कि सपा के शासन में दलितों और पिछड़ों का उत्पीड़न हुआ। मायावती बोलीं, ष्सपा सरकार में कानून व्यवस्था चरमरा गई थी। गुंडों और अराजक तत्वों को संरक्षण दिया गया। प्रदेश में भय और अराजकता का माहौल था।

मायावती ने सपा पर बोला तीखा हमला
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सवाल उठाते हुए कहा, अभी मैंने सुना कि अखिलेश यादव कह रहे थे कि अगर उनकी सरकार बनी तो कांशीराम जी के नाम पर स्मारक बनाएंगे, लेकिन जब वे सत्ता में थे तो ऐसा क्यों नहीं किया? जब सत्ता से बाहर होते हैं, तभी इन्हें बसपा के नेता और दलित समाज के संतों की याद आती है। सत्ता में आते ही सब भूल जाते हैं। मायावती ने कहा कि बसपा की सरकार में जिन स्मारकों और संस्थानों का नाम कांशीराम जी के नाम पर रखा गया था, उन्हें सपा सरकार ने बदलने का काम किया। उन्होंने आगे कहा कि डॉ. आंबेडकर का सपना था कि दलितों और पिछड़ों को एकजुट होकर सत्ता की मास्टर चाबी अपने हाथ में लेनी चाहिए।

आंबेडकर के सपने को हमने किया पूरा
बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा, डॉ. आंबेडकर का यह सपना मान्यवर कांशीराम जी के जीवनकाल में तो पूरा नहीं हो सका, लेकिन हमने इसे पूरा किया। हमने तीन बार गठबंधन सरकार और एक बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाकर इतिहास रचा। हमने दलितों, पिछड़ों और समानतावादी विचारधारा रखने वाले लोगों को साथ लेकर ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ की नीति पर काम किया।

एजेंसियों का इस्तेमाल कर बसपा की छवि धूमिल करने हुई कोशिश
उन्होंने फिर से आरोप लगाया कि जब बसपा सरकार मजबूत होती गई, तब कांग्रेस और भाजपा की केंद्र सरकारों ने सीबीआई और आयकर विभाग जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल कर उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश की। हम पर झूठे केस लगाए गए, ताकि बसपा का मनोबल टूट जाए। लेकिन हमने कभी हार नहीं मानी और न्याय पाने के लिए अदालतों का दरवाजा खटखटाया।

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