संभाग के दो टाइगर रिजर्व मुकुंदरा हिल्स और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बीते डेढ़ सालों से बाघ की आबादी बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
इसी क्रम में दोनों टाइगर रिजर्व में जेनेटिक बदलाव से सेहत में सुधार का प्रयास है, जिसमें बाघों की ब्रीडिंग के लिए दूसरे रिजर्व से बाघिन लाने की योजना है। इसके लिए लंबे समय से मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से शिफ्टिंग की बात चल रही है। अब इस प्रक्रिया का काउंटडाउन शुरू हो गया है।
कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के उपवन संरक्षक मुथु सोमासुंदरम ने बताया कि विभाग ने इसको लेकर पूरी तैयारी कर ली है। नवंबर या दिसंबर महीने में मध्य प्रदेश से दो बाघिनों का ट्रांसलोकेशन कर दिया जाएगा, जिनमें एक मुकुंदरा और दूसरी रामगढ़ में लाई जाएगी। इसकी स्वीकृति मध्य प्रदेश प्रशासन ने दे दी है।
अब पेंच, कान्हा, बांधवगढ़ और पन्ना टाइगर रिजर्व में से बाघिन ले जा सकते हैं. इसको लेकर सभी परमिशन मिल गई हैं।पहले ही एनटीसीए (NTCA) ने इस संबंध में अनुमति जारी कर दी थी, जिसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने भी हरी झंडी दे दी है।
डीसीएफ मुथु एस. का कहना था कि वर्तमान में बारिश ज्यादा होने के चलते दोनों जगहों के टाइगर रिजर्व में काफी रास्ते खराब हो गए हैं।
मध्य प्रदेश फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने उन्हें कहा है कि वे रास्तों को सही कर रहे हैं, जिसके बाद बाघिन को चिह्नित करने का काम शुरू कर देंगे और फिर शिफ्टिंग का प्रोसेस पूरा करेंगे।
उनका कहना था कि यह टाइगर ट्रांसलोकेशन का काम सड़क मार्ग से ही किया जाएगा. इसके लिए दोनों राज्यों के वन विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है।
इधर रिजर्व के भी रास्ते दुरुस्त करवा रहे हैं, क्योंकि बारिश में हमारे यहां भी ये खराब हो गए हैं। मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में वर्तमान में चार बाघ, बाघिन व शावक मौजूद हैं।
डीसीएफ का कहना था कि गडरिया महादेव के लिए नया रास्ता तैयार करवाया जा रहा है। यह दौलतगंज से होगा और करीब 16 किलोमीटर लंबा है। इसके लिए हम पूरी तरह से प्रयासरत हैं। इसमें नए व्यू प्वाइंट्स दिखाए जाएंगे, जिनमें चंबल नदी और गरडिया महादेव शामिल हैं। इससे मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की संख्या बढ़ने की पूरी संभावना है। जल्द से जल्द हम इस रूट को काम पूरा करवाकर पर्यटकों के लिए खोल देंगे। इसमें कोटा विकास प्राधिकरण की भी मदद ली जा रही है।



