मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में इस बार 70 वर्षीय बुजुर्ग एहसान इम्तियाज साइबर ठगों का शिकार बन गए, जिनसे 51 हजार रुपये की ठगी की गई.
आरोपी ने खुद को पीड़ित के स्कूल का टीचर बताकर विश्वास जीता और फिर चालाकी से ठगी को अंजाम दिया. इस घटना ने एक बार फिर साइबर अपराधों के प्रति सतर्कता की आवश्यकता को रेखांकित किया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, आरोपी ने पहले एहसान इम्तियाज से फोन पर बात की और उनका हाल-चाल पूछकर विश्वास जीता. इसके बाद उसने एक झूठी कहानी गढ़ी कि उसका एक परिचित इंदौर के अस्पताल में भर्ती है और उसे तुरंत 51 हजार रुपये की जरूरत है.
आरोपी ने दावा किया कि उसके खाते से पैसे ट्रांसफर नहीं हो पा रहे हैं, इसलिए वह एहसान को पैसे भेज रहा है. इसके बाद उसने एक फर्जी टेक्स्ट मैसेज बनाकर बुजुर्ग को भेजा, जिसमें 51 हजार रुपये ट्रांसफर होने का दावा किया गया. भरोसा करके एहसान ने तुरंत पैसे ट्रांसफर कर दिए. कुछ देर बाद जब उन्होंने अपने खाते की जांच की, तो पैसे नहीं दिखे. तब उन्हें एहसास हुआ कि वे ठगी का शिकार हो चुके हैं.
यह घटना साइबर अपराधियों की नई रणनीति को दर्शाती है, जहां वे पहले शिकार का विश्वास जीतते हैं और फिर फर्जी मैसेज या कॉल के जरिए ठगी करते हैं. ऐसी घटनाओं से बचने के लिए विशेषज्ञ कुछ सावधानियां बरतने की सलाह देते हैं. सबसे पहले, किसी भी अनजान नंबर से आए कॉल या मैसेज पर तुरंत भरोसा न करें.
अगर कोई पैसे ट्रांसफर करने की बात कहे, तो पहले अपने बैंक खाते की जांच करें कि पैसे वास्तव में आए हैं या नहीं. इसके अलावा, संदिग्ध लेनदेन की स्थिति में तुरंत अपने बैंक को सूचित करें और ट्रांजेक्शन को ब्लॉक करवाएं.
साइबर अपराध की शिकायत के लिए तुरंत www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें या 1930 पर कॉल करें. जितनी जल्दी शिकायत दर्ज होगी, उतनी ही अधिक संभावना होगी कि आपका पैसा वापस मिल सके. साइबर अपराधी नित नए तरीके अपनाते हैं, इसलिए हमेशा सतर्क रहें और अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करें.


                                    
