नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई पर सोमवार को हुए हमले की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निंदा की है। इतना ही सीजेआई के साथ हुए दुर्व्यवहार पर गहरा आक्रोश भी व्यक्त किया है। साथ ही बीआर गवई से बात की है। पीएम मोदी ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट परिसर में उन पर हुआ हमला हर भारतीय को क्रोधित कर गया है। इस तरह की निंदनीय घटनाओं का लोकतांत्रिक समाज में कोई स्थान नहीं है। यह बेहद शर्मनाक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “भारत के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति बीआर गवई से बात की। आज सुबह सुप्रीम कोर्ट परिसर में उन पर हुए हमले से हर भारतीय क्षुब्ध है। हमारे समाज में ऐसे निंदनीय कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है। यह अत्यंत निंदनीय है। पीएम मोदी ने कहा- मैं न्यायमूर्ति गवई द्वारा ऐसी स्थिति में दिखाई गई शांति और संयम की सराहना करता हूं। यह न्याय के मूल्यों और हमारे संविधान की भावना को मजबूत करने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सुनवाई के दौरान वकील ने सीजेआई के साथ किया दुर्व्यवहार
बता दें कि सीजेआई बीआर गवई की कोर्ट में एक वकील राकेश किशोर ने सोमवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान हंगामा किया। आरोप है कि वकील ने सीजेआई से दुर्व्यवहार किया। उसने कोर्ट में नारे भी लगाए, जिसके बाद उसे हिरासत में ले लिया गया। बताया जा रहा है कि वकील ने ‘सनातन का अपमान नहीं सहेंगे’ का नारा भी लगाया। हालांकि, इस दौरान सीजेआई गवई शांत रहे और सुनवाई जारी रखी।
एडवोकेट्स-आॅन-रिकॉर्ड एसोसिएशन ने की घटना की निंदा
सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-आॅन-रिकॉर्ड एसोसिएशन ने इस घटना की निंदा की है। एसोसिएशन ने कहा कि एक वकील के कृत्य पर हम सर्वसम्मति से पीड़ा व्यक्त करते हैं, जिसने अपने अनुचित और असंयमित व्यवहार से भारत के मुख्य न्यायाधीश और उनके साथी न्यायाधीशों के पद व अधिकार का अनादर करने का प्रयास किया।
एसोसिएशन ने एक प्रस्ताव पारित कर कहा कि इस तरह का व्यवहार न सिर्फ बार के सदस्य के लिए अस्वीकार्य है, बल्कि यह बेंच और बार के बीच आपसी सम्मान की नींव को कमजोर करता है। एसोसिएशन ने इसे न्यायपालिका की स्वतंत्रता और जनता के विश्वास पर हमला करार दिया।