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पुरी रथयात्रा में भगदढ़ 50 की मौत, सरकार ने कलेक्टर एसपी को हटाया

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ओडिशा के पुरी में महाप्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान हुई भगदड़ में चीन लोगों की मौत और करीब 50 लोगों के घायल होने के बाद राज्य सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री मोहन माझी ने इस हादसे को अक्षम्य लापरवाही बताया और पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ शंकर स्वैन और पुलिस अधीक्षक (एसपी) विनीत अग्रवाल को तुरंत हटा दिया है।

इसके साथ ही दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों – डीसीपी विष्णु पाटी और कमांडेंट अजय पाधी – को निलंबित कर दिया गया है। वहीं सरकार ने पुरी के नए कलेक्टर के रूप में खोरधा जिले के कलेक्टर चंचल राणा को नियुक्त किया है। वहीं, नए पुरी एसपी के रूप में पिनाक मिश्रा को जिम्मेदारी दी गई है। हादसे की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने एक प्रशासनिक जांच के आदेश भी दिए हैं, जिसकी निगरानी विकास आयुक्त करेंगे।

इस बीच, ओडिशा सरकार ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अरविंद अग्रवाल को रथ यात्रा की समग्र निगरानी का प्रभार सौंपा है। उन्हें पहले भी रथ यात्रा आयोजन का अनुभव है। वे फिलहाल उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त-सह-सचिव और खेल एवं युवा मामलों के विभाग में विशेष सचिव के अतिरिक्त प्रभार में हैं। इस कड़ी में ओडिशा सरकार ने एडीजी एसके प्रियदर्शी को रथ यात्रा और संबंधित अनुष्ठानों के दौरान पुलिस व्यवस्था का समग्र प्रभार सौंपा है।

सरकार ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। सीएम ने विकास आयुक्त की देखरेख में विस्तृत प्रशासनिक जांच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सभी श्रद्धालुओं से इस घटना को लेकर क्षमा मांगी।

उन्होंने कहा कि मैं और मेरी सरकार महाप्रभु जगन्नाथ के सभी भक्तों से क्षमा याचना करते हैं। जो श्रद्धालु इस हादसे में अपनी जान गंवा बैठे, उनके परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदना है। हम प्रार्थना करते हैं कि भगवान उन्हें यह दुख सहने की शक्ति दें।

यह घटना रविवार सुबह लगभग 4 बजे हुई जब श्री गुंडिचा मंदिर के पास भारी भीड़ जुटी थी। लोग भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की रथ यात्रा के दौरान ‘पहुड़ा’ (चेहरे पर पड़ा कपड़ा) हटने की रस्म देखने के लिए पहुंचे थे।

इस दौरान अचानक दो ट्रक, जो रथ यात्रा के लिए सामग्री ला रहे थे, भीड़ में घुस गए। इससे अफरा-तफरी मच गई और भगदड़ हो गई। बता दें कि, पुरी की रथ यात्रा ओडिशा की सबसे बड़ी धार्मिक परंपराओं में से एक है, जिसमें लाखों श्रद्धालु हर साल भाग लेते हैं।

 

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