नई दिल्ली। इजराइल और ईरान के बीच करीब 12 दिनों से चल रही भीषण जंग आखिरकार रुक गई है। खास बात यह रही की भारत-पाकिस्तान जंग रुकवाने का श्रेय ले रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ही सीजफायर का ऐलान किया। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर एक के बाद एक कई पोस्ट किए। इनमें उन्होंने यह भी बताया कि यह संघर्ष विराम कैसे हुआ और क्यों इसका एलान ट्रंप ने किया। हालांकि उनके इस ऐलान के बाद भी सीजफायर को लेकर कन्फ्यूजन था, लेकिन जब ईरान के सरकारी टेलीविजन ने सीजफायर लागू होने का ऐलान कर दिया तब दुनिया को राहत मिली। युद्ध विराम से पहले ईरान और इजराइल के बीच मंगलवार तडके तक भीषण बम होती रही।
ईरानी सरकारी टेलीविजन ने मंगलवार को बताया कि इजरायल के साथ युद्ध में संघर्ष विराम शुरू हो गया है, जबकि इजरायल ने भी अब हमले को लेकर जारी अलर्ट हटा लिया है और लोगों को बंकर से बाहर आने की इजाजत मिल गई है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता के बाद दोनों देश सीजफायर के लिए राजी हो गए।उन्होंने ट्रुथ सोशल पर एक के बाद एक कई पोस्ट किए। इनमें उन्होंने यह भी बताया कि यह संघर्ष विराम कैसे हुआ और क्यों इसका एलान ट्रंप ने किया। उन्होंने हालिया पोस्ट में लिखा, श्इस्राइल और ईरान लगभग एक साथ मेरे पास आए और शांति की गुहार लगाई। मुझे पता था कि अब समय आ गया है। दुनिया और पश्चिम एशिया ही असली विजेता हैं। दोनों राष्ट्र अपने भविष्य में जबरदस्त प्रेम, शांति और समृद्धि देखेंगे। उन्हें बहुत कुछ हासिल करना है। फिर भी अगर वे धर्म और सत्य के मार्ग से भटक गए तो उन्हें बहुत कुछ खोना पड़ेगा। इस्राइल और ईरान का भविष्य असीमित है। महान वादों से भरा हुआ है। भगवान आप दोनों पर कृपा बरसाए।
यहां पर बन गई थी कन्फ्यूजन की स्थिति
लेकिन कन्फ्यूजन की स्थिति तब बन गई जब संघर्षविराम लागू के बाद भी ईरान की तरफ से इजरायल पर बमबारी के चलते इसे लेकर शंका की स्थिति बन गई थी। इजरायली डिफेंस फोर्स ने बताया कि एक घंटे के भीतर तीन बार ईरान ने मिसाइल अटैक किए हैं और इसमें छह नागरिकों की मौत भी हो गई है। इजरायल में हमले को लेकर तेल अवीव में सायरन बजे और लोग सेफहाउस में शिफ्ट हो गए थे।
आखिरी क्षण तक करेंगे हमला
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने ताजा हमलों को लेकर कहा है कि हमारी ताकतवर मिलिट्री फोर्स आखिरी मिनट तक इजरायल को उसके हमलों के लिए सजा देगी। उन्होंने कहा, श्सभी ईरानियों के साथ, मैं अपने जांबाज सशस्त्र बलों का आभार जताता हूं जो अपने खून की आखिरी बूंद तक देश की रक्षा के लिए तैयार रहते हैं और जिन्होंने दुश्मन के किसी भी हमले का आखिरी क्षण तक जवाब दिया. लेकिन सीजफायर के आखिरी वक्त में हमले करके ईरान क्या साबित करना चाहता है?
ईरान को नहीं मिली कोई मदद
इजरायल के साथ जंग में ईरान के खिलाफ अमेरिका ने भी मोर्चा खोल दिया था और देश की सबसे प्रमुख न्यूक्लियर साइट फोर्डो समेत तीन ठिकानों पर बमबारी की थी, जिसमें न्यूक्लियर फैसिलिटी को काफी नुकसान की आशंका जताई जा रही है। दूसरी ओर ईरान को मिडिल ईस्ट के किसी भी देश का साथ नहीं मिला और उसे अकेले ही अपनी लड़ाई लड़नी पड़ी। रूस और चीन जैसे ताकतवार देशों ने ईरान को नैतिक समर्थन तो दिया लेकिन अमेरिका-इजरायल के खिलाफ जंग में खुलकर ईरान के साथ खड़े नहीं हुए। सीजफायर लागू होने के बाद ईरान के हमले बताते हैं कि वह आखिरी दम तक जंग लड़ने की ताकत को दिखाना चाहता है। साथ ही ताजा हमले अमेरिका को भी एक मैसेज हैं कि ईरान किसी के दबाव में सीजफायर को स्वीकार नहीं करेगा, बल्कि वह खुद इसे लेकर फैसला करेगा।