भोपाल। मध्यप्रदेश में एक मई से पार्थ योजना शुरू होने जा रही है। यह योजना प्रदेश में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की जाएगी। इसका लाभ सूबे के 9 जिलों को मिलेगा। इसमें में भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, मुरैना, शहडोल, सागर, इंदौर और उज्जैन शामिल हैं। इस योजना के जरिये हर स्थान पर 50-50 बच्चों का चयन कर उन्हें लाभान्वित किया जायेगा। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग ने यह जानकारी बुधवार को योजना की समीक्षा करने के बाद दी। बैठक में अपर मुख्य सचिव मनु श्रीवास्तव और खेल संचालक राकेश गुप्ता सहित अन्य खेल अधिकारी उपस्थित थे।
मंत्री सारंग ने कहा कि योजना शुरू होने से पहले उन स्थानों के कलेक्टर्स के साथ चर्चा की जाये। साथ ही भोपाल से निर्धारित स्थानों पर आवश्यक तैयारियों का जायजा लेने के लिये अधिकारियों को भेजा जाये, जो स्ट्रक्चर और इन्फ्रा-स्ट्रक्चर का आकलन जिला खेल अधिकारी के साथ मिलकर करें। योजना में प्रशिक्षण पूर्व आकलन की एसओपी तैयार की जाये। इसके लिये कमेटी का भी गठन करें। हरेक प्रक्रिया की एसओपी हो। पूरी प्रक्रिया पारदर्शी हो।
हफ्ते में 6 दिन बच्चों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
सारंग ने बच्चों की सुविधा को देखते हुए समय निर्धारित करने को कहा। योजना के जरिये सप्ताह में 6 दिन प्रशिक्षण देने के निर्देश दिये। उन्होंने रविवार के दिन प्रशिक्षणार्थी को स्वैच्छा से फिजिकल एक्टिविटी की छूट देने को कहा। मंत्री सारंग ने योजना के संचालन एवं क्रियान्वयन, प्रशिक्षणार्थी पात्रता, शैक्षणिक योग्यता, आयु, प्रशिक्षण की अवधि, शुल्क, शारीरिक प्रशिक्षण, प्रशिक्षण समय, मानव संसाधन, प्रशिक्षक का मानदेय, वित्तीय प्रबंधन, आवश्यक सामग्री, किट, विज्ञापन एवं प्रचार-प्रसार आदि पर विस्तार से चर्चा की।
सारंग ने यह भी दिए निर्देश
मंत्री सारंग ने खेलो-बढ़ो अभियान के लिये स्कूलों का चयन कर कैलेण्डर बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने मास्टर ट्रेनर के रूप में गाइड की ट्रेनिंग कराने को भी कहा। साथ ही अभियान से संबंधित लिटरेचर और फिल्म प्राथमिकता से बनाने के निर्देश दिये, जिसके जरिये बच्चे खेलो-बढ़ो अभियान की जानकारी हासिल कर सकेंगे। उन्होंने इस दौरान बच्चों को नामी-गिरामी खिलाड़ियों से भी मिलवाने की रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिये हैं।