नई दिल्ली। विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद मोदी सरकार आज बुधवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश करेगी। केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू दोपहर 12 बजे विधेयक पेश करेंगे। खास बात यह है नंबरगेम को लेकर कि सभी दलों ने अपने-अपने सांसदों को सदन में उपस्थित रहने का व्हिप जारी किया है। हालांकि सरकार के लिए ज्यादा टेंशन की बात नहीं है। उसने अपनी पिच को पूरी तरह से मजबूत कर लिया है। जेडीयू और टीडीपी की शर्तें मानने के बाद नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, जीतनराम मांझी, चिराग पासवान ने बिल के समर्थन में वोट करने का ऐलान कर दिया है।
इधर, विपक्ष ने भी सरकार को घेरने की रणनीति बना ली है। इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियां संसद में वक्फ संशोधन बिल का विरोध करेंगी। विपक्ष ने भी साफ कर दिया है कि वो बहस और वोटिंग में अपनी आवाज बुलंद करेगा। ऐसे में दोनों ओर से जोरदार टकराव की संभावना है। हैरानी इस बात की है कि पक्ष और विपक्ष दोनों ओर के मुस्लिम नेता बिल के बारे में अलग-अलग राय रखते हैं। केरल चर्च निकाय ने सभी राजनीतिक दलों से वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने का आग्रह किया है। बिल पास होने पर दिल्ली की जनता मुस्लिम कमेटी जश्न मनाएगी।
वक्फ संपत्तियों को जल्द सुलझाना चाहती है सरकार
बता दें कि केंद्र सरकार इस विधेयक को पिछले साल अगस्त को लोकसभा के सामने रखा था। हालांकि, बाद में सर्वसम्मति से इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेज दिया गया। जेपीसी ने करीब छह महीने तक विधेयक पर मिले संशोधन के सुझावों पर विचार किया और 27 जनवरी को इसे फिर से संसद में पेश करने की मंजूरी दे दी। एक महीने बाद ही केंद्रीय कैबिनेट ने भी इस विधेयक पर मुहर लगा दी। अब सरकार ने बजट सत्र के दूसरे चरण के आखिर में वक्फ संशोधन विधेयक को पेश करने का फैसला लिया है। इसके जरिए सरकार वक्फ कानून, 1995 में संशोधन करना चाहती है। फिलहाल इसी कानून के तहत देश में वक्फ की संपत्तियों का प्रबंधन होता है। हालांकि, सरकार अब वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को बेहतर ढंग से अंजाम देना चाहती है। साथ ही इनसे जुड़े विवादों को भी जल्द सुलझाना चाहती है।
लोकसभा में एनडीए के पास पर्याप्त संख्याबल
लोकसभा में एनडीए के पास विधेयक को पारित कराने के लिए पर्याप्त संख्याबल है। हालांकि, सहयोगी टीडीपी और जेडीयू का साथ जरूरी है। टीडीपी, जेडीयू, ऌअट और एलजेपी (फ) समेत सभी एनडीए सहयोगियों ने अपने सांसदों को संसद में उपस्थित रहने और विधेयक का समर्थन करने के लिए व्हिप जारी किया है। लोकसभा में बीजेपी की तरफ से कौन-कौन नेता बोलेगा? पार्टी ने नाम तय कर दिए हैं। जगदंबिका पाल, अनुराग ठाकुर, निशिकांत दुबे, अभिजीत गंगोपाध्याय, कमलजीत सहरावत, तेजस्वी सूर्या, रविशंकर प्रसाद का नाम शामिल है। गौरतलब है कि लोकसभा में 542 सदस्य हैं। एनडीए के पास निचले सदन में 293 सांसद हैं। इंडिया गठबंधन के पास 235 सांसद हैं। अन्य को भी जोड़ दें तो ये संख्या 249 तक ही जाती है। जबकि बहुमत का नंबर 272 है।
जेडीयू-टीडीपी के भेरोसे था विपक्ष, भाजपा ने पलटा गेम
विपक्ष को लगता रहा कि अगर 16 सांसद वाली टीडीपी और 12 सांसद वाली जेडीयू वक्फ बिल का विरोध कर दें तो गेम पलट सकता है, क्योंकि तब एनडीए का नंबर घटकर 265 हो जाएगा और बिल के विरोध में नंबर 277 पहुंच जाएगा। लेकिन टीडीपी हो या जेडीयू दोनों मजबूती से सरकार के साथ हैं। बीजेपी अक्सर निर्दलीय सदस्यों और पार्टियों का समर्थन हासिल करने में सफल रही है। दूसरी ओर राज्यसभा में कुल 245 सदस्य हैं। एनडीए के पास 125 सांसद हैं। 9 सीटें खाली हैं। ऐसे में एनडीए को विधेयक पारित कराने के लिए 118 सांसदों के समर्थन की जरूरत है। यानी एनडीए के पास राज्यसभा में संख्याबल ज्यादा है। उम्मीद है कि लोकसभा से मंजूरी मिलने के बाद राज्यसभा इस विधेयक को पारित करने के लिए विचार करेगा।
खड़गे ने बताया विभाजनकारी एजेंडा
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, सभी विपक्षी दल एकजुट हैं। वक्फ संशोधन विधेयक पर मोदी सरकार के असंवैधानिक और विभाजनकारी एजेंडे को हराने के लिए संसद के पटल पर मिलकर काम करेंगे। इस विधेयक को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच संभावित तीखी बहस के संकेत मिल रहे हैं। कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने सरकार पर उनकी आवाज दबाने का आरोप लगाया है।