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यूका के जहरीले कचरे पर घमासान: PCC चीफ मिले ताई से, कचरे के डिस्पोज को लेकर की मंत्रणा

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भोपाल। राजधानी भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा एक दर्जन कंटेनरों से बुधवार सुबह पीथमपुर पहुंच गया है। जिसे रामकी कंपनी में डंप किया जाएगा। इस मुद्दे को लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई है। यही नहीं पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने आज पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के साथ बैठक कर पीथमपुर सहित आसपास के क्षेत्रों में पड़ने वाले दुष्प्रभाव को लेकर गहन मंत्रणा भी की है। वहीं उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कचरा जलाने से संभावित नुकसान पर चिंता जताई और इसे पीथमपुर और इंदौर के पर्यावरण के लिए खतरनाक बताया।

पटवारी ने कहा कि यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने से आने वाली पीढ़ियों को नुकसान होगा। उन्होंने पहले 10 टन कचरा जलाने से हुए नुकसान की जानकारी साझा करते हुए कहा कि इस निर्णय से क्षेत्र के लोगों के जीवन और पर्यावरण पर गंभीर असर पड़ेगा। पटवारी ने कहा कि उक्त कचरा जलाने को लेकर कोर्ट के आदेश है, सरकार ने पीतमपुर की एक रामकी कंपनी में जो कचरा भेजा है जो रात में डंप हो चुका है, इसका इंदौर शहर पर क्या असर पड़ेगा बहुत ही गंभीर और चिंताजनक है। वहीं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इस मुद्दे को राजनीति से परे बताते हुए कहा कि यह लोगों के जीवन और भविष्य से जुड़ा सवाल है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश मान्य है, लेकिन इसका विकल्प खोजना भी जरूरी है। इस पर वैज्ञानिकों की राय लेनी चाहिए और एसजीएसआईटीएस व आईआईटी जैसे संस्थानों में चर्चा कर समाधान ढूंढना चाहिए।

यशवंत सागर का पानी होगा दूषित
पीसीसी चीफ ने कहा कि ताई से इस संबंध में बात हुई इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनना चाहिए। कुछ साल पहले रामकी में 10 टन कचरा जलाया गया था, जिसका असर लंबे क्षेत्रफल पर पढ़ा था। उन्होंने कहा कि यदि निरीक्षण करेंगे तो पता चलेगा कि जो फसल 5 क्विंटल होती थी वह घटकर एक क्विंटल ही रह गई है। सवाल यह है कि इतना कचरा जलेगा या डिस्पोजल होगा या वैज्ञानिक विधि से इसका डिस्पोजल होगा तो स्वाभाविक है यशवंत सागर तालाब जो वहां से 27 किलोमीटर दूर है, जब तालाब के पानी का रिसाव होगा तो उसका असर कितना पड़ेगा, यशवंत सागर का पानी दूषित होगा। इससे इंदौर सहित अन्य क्षेत्रों की जनता के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।

कचरा जलाने से क्या असर पड़ेगा, इस होनी चाहिए चर्चा
पटवारी ने कहा कि कचरा जलाने के लिए जो एक्सपर्ट है, उनसे बात करके जब तक है क्लियर नहीं होगा, तब तक कचरा नहीं जलाना चाहिए, मेरा सभी से आग्रह किया है कि कचरा जलाने की योजना को थोड़ा अभी रोका जाये, विपक्ष के नाते हमारा दायित्व है कि हम जनता के प्रति अपने दायित्व निभाएं। उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि एक एक्सपर्ट की टीम बनानी चाहिए, कचरा जलाने से इसका क्या असर होगा इस पर चर्चा होना चाहिए।

आने वाली जनरेशन के स्वास्थ्य पर पड़ेगा बुरा असर
वहीं जीतू ने मीडिया से आग्रह करते हुए कहा कि आप लोग बढ़ चढ़कर इसमें हिस्सा ले, यह राजनीतिक हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री जी से आग्रह करता हूं कि इस कचरे के निष्पादन का निर्धारण करके लोगों को समझाना आपका दायित्व है। जब तक यह कचरा डिस्पोजल की प्रक्रिया चालू नहीं हो आपने जो कचरा दंप किया है, वह प्रक्रिया गलत है। कचरा डिस्पोजल हो गया तो आने वाली जनरेशन उससे प्रभावित होगी, उसके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ेगा। कैंसर का खतरा बढ़ेगा। प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री भी इंदौर के ही है, उन्हें भी इस बात की चिंता व्यक्त करते हुये लोगों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। कोर्ट के आदेश हैं लेकिन यह आदेश नहीं है कि कचरा यहीं डंप होना चाहिए।

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