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मोदी ने मप्र-राजस्थान को दी अद्भुत सौगात: मोहन ने भागीरथ से की तुलना, जताया आभार भी

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भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में मंगलवार को जयपुर में पार्वती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी) लिंक परियोजना पर मध्यप्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच अनुबंध सहमति पत्र (मेमोरेंडम आॅफ एग्रीमेंट) हस्ताक्षर हुए। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अनुबंध सहमति पत्र पर साइन किए। बता कि इस परियोजना में 72 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। परियोजना से मप्र के 3217 ग्रामों को लाभ मिलेगा। मालवा और चंबल क्षेत्र में 6 लाख 13 हजार 520 हेक्टेयर में सिंचाई होगी और 40 लाख की आबादी को पेयजल उपलब्ध होगा।

सीएम मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश और राजस्थान के लिए यह एक ऐतिहासिक दिन है। प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से यह परियोजना 20 वर्षों के लम्बे इतंजार के बाद मूर्त रूप ले रहीं है। सीएम ने पीएम मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आधुनिक युग के भागीरथ की तरह उन्होंने राजस्थान और मध्यप्रदेश को इस परियोजना के माध्यम से विकास की अदभुत सौगात दी है। मध्यप्रदेश के चंबल और मालवा क्षेत्र के लिए यह एक अद्वितीय परियोजना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंगलवार को जयपुर में पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना के एमओए (अनुबंध पत्र) के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश और राजस्थान की वर्तमान सरकार के एक वर्ष पूरा होने पर दोनों प्रदेशों की जनता को उपहार देने स्वयं प्रधानमंत्री पधारे है।

परियोजना के लिए 90 प्रतिशत राशि केन्द्र से
सीएम ने कहा कि इस परियोजना के महत्व को इस बात से समझा जा सकता है कि पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना की अनुमानित लागत 72 हजार करोड़ है, जिसमें मध्यप्रदेश 35 हजार करोड़ और राजस्थान 37 हजार करोड़ रुपए व्यय करेगा। केन्द्र की इस योजना में कुल लागत का 90 प्रतिशत केन्द्रांश और 10 प्रतिशत राज्यांश रहेगा। परियोजना की कुल जल भराव क्षमता 1908.83 घन मीटर होगी। साथ ही 172 मिलियन घन मीटर जल, पेयजल और उद्योगों के लिये आरक्षित रहेगा। परियोजना अंतर्गत 21 बांध/बैराज निर्मित किये जाएंगे। परियोजना से श्योपुर, भिंड, मुरैना, शिवपुरी, गुना, अशोक नगर सहित आगर, इंदौर, धार, उज्जैन, शाजापुर, राजगढ़, सीहोर इत्यादि संपूर्ण पश्चिमी मध्यप्रदेश में पीने के पानी और सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था रहेगी।

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