उज्जैन। भगवान भोलेनाथ के सबसे प्रिय महीने सावन की आज से शुरुआत हो गई है। खास बात यह है कि सावन महीने की शुरुआत भी सोमवार से हुई है। ऐसे में भोलेनाथ के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है। आधी रात से देशभर के शिवालय भोलेनाथ के जयकारों से गूंजायमान हो उठे थे। ऐसा मप्र की धार्मिक नगरी उज्जैन में भी देखने को मिल रहा है। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में भक्तों के लिए मंदिर के पट डेढ़ घंटे पहले यानि रात 2:30 बजे ही खोल दिए गए थे। जिसके बाद भस्मारती हुई। बाबा महाकाल ने हजारों भक्तों को भस्म आरती की बैठक व चलित व्यवस्था के अंतर्गत रूप में अपना आशीष भी प्रदान किया।
बता दें कि वैसे बाबा महाकाल की आरती प्रतिदिन अलसुबह 4 बजे होती है। लेकिन आज श्रावण सोमवार होने की वजह से भगवान भोलेनाथ भक्तों को दर्शन देने के लिए डेढ़ घंटे पहले जा गए और भस्मारती के दौरान हजारों भक्तों को अपना आशीर्वाद प्रदान किया। महाकालेश्वर मंदिर से मिली जानकारी के अनुसार भोलेनाथ का दर्शन पाने के लिए भक्त आधी रात से ही लाइन में लग गए थे। बाबा का आशीष पाने के लिए अभी भी भक्तों की लंबी लाइनें लगी हुई हैं।

भगवान को पंचामृत से करवाया गया स्नान
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित आशीष गुरु ने बताया कि वर्षों के बाद एक ऐसा विशेष संयोग आया है, जब श्रावण मास की शुरूआत सोमवार से हो रही है। राष्ट्र की कामना को लेकर आज बाबा महाकाल का विशेष पूजन अर्चन किया गया। भस्म आरती की प्रतिदिन की प्रक्रिया के अनुसार ही भगवान वीरभद्र से आज्ञा लेकर चांदी द्वार खोला गया और उसके बाद भगवान का पूजन अर्चन तो हुआ ही। लेकिन आज भगवान का पंचामृत स्नान करवाने के साथ ही उन पर केसर युक्त जल अर्पित किया गया और चंदन व भांग से बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार भी किया गया।
जल अर्पित करने और बेल पत्र चढ़ाने से प्रसन्न होते हैं भोलेनाथ
पंडित आशीष पुजारी ने बताया कि बाबा महाकाल भोले हैं। इसलिए अगर आज के दिन उन पर जल अर्पित कर बेल पत्र चढ़ाया जाए तो वे प्रसन्न हो जाते हैं। आज प्रात: भगवान के विशेष श्रृंगार के बाद उन्हें महानिवार्णी अखाड़े की ओर से भस्म अर्पित की गई, इसके बाद चारों ओर जय श्री महाकाल की गूंज गुंजायमान हो गई।