नई दिल्ली। लोकसभा में संविधान पर चर्चा शनिवार को खत्म हो गई। सत्तापक्ष की ओर से आज सबसे पहले संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजीजू ने चर्चा की शुरुआत की। इसके बाद विपक्ष के नेता राहुल गांधी बोले। वहीं सबसे अंतिम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्पीच दी। लोकसभा के बाद 16-17 दिसंबर को राज्यसभा में बहस होगी। पीएम मोदी ने अपने करीब पौने दो घंटे के संबोधन के दौरान संविधान के 25 और 50वीं बरसीं का भी जिक्र किया और कांग्रेस पर जोरदार तरीके से हमला बोला।
पीएम मोदी ने कहा- संविधान के जब 25 साल थे, तब हमारे देश में इमरजेंसी लाई गई। नागरिकों के अधिकारों को लूट लिया गया। प्रेस की स्वतंत्रता को ताले लगा दिए गए। कांग्रेस के माथे पर ये जो पाप है न, यह धुलने वाला नहीं है। लोकतंत्र का गला घोंट दिया गया था। और संविधान के जब 50 साल हुए तब क्या संविधान को भुला दिया गया था। तब अटल जी की सरकार थी। जब देश संविधान का 50 वर्ष मना रहा था। तब यह मेरा भी सौभाग्य था कि मुझे संवैधानिक प्रक्रिया से मुख्यमंत्री बनने का मौका मिल गया था। तब मैंने तय किया था मुख्यमंत्री के नाते कि हम संविधान के 60 साल मनाएंगे।
पीएम ने इन तीन महापुरुषों के बारे में बोले
पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरूआत में तीन महापुरुषों के वक्तव्यों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मैं तीन महापुरुषों के कोट इस सदन के सामने पेश करना चाहता हूं। राजर्षि टंडन जी, उन्होंने कहा था कि सदियों के बाद हमारे देश में एक बार फिर ऐसी बैठक बुलाई गई है। यह हमारे मन में हमारे गौरवशाली अतीत की याद दिलाती है। जब हम स्वतंत्र हुआ करते थे, जब सभाएं आयोजित की जाती थीं, जब विद्वान लोग चर्चा के लिए मिला करते थे। पीएम मोदी ने अपने भाषण में आगे कहा कि, मैं दूसरा कोट पढ़ रहा हूं राधाकृष्णन जी का, उन्होंने कहा था कि इस देश के लिए गमतांत्रिक व्यवस्था नई नहीं है। यह इतिहास की शुरूआत से ही है। पीएम ने कहा- तीसरा कोट मैं बाबासाहेब आंबेडकर का कह रहा हूं ऐसा नहीं है कि भारत के लोगों को पता नहीं है कि लोकतंत्र कैसा होता है। एक समय था जब भारत में कई गणतंत्र हुआ करते थे।
हम भी सौदेबाजी कर सकते थे लेकिन हमने संविधान का रास्ता चुना
संविधान के साथ खिलवाड़ करना, संविधान की स्पिरिट को तहस-नहस करना ये कांग्रेस की रगों में रहा है। हम भी सौदेबाजी कर सकते थे लेकिन हमने संविधान का रास्ता चुना। अटल जी ने सौदा नहीं किया। उन्होंने 13 दिन बाद इस्तीफा दे दिया। अटल जी ने कभी सौदेबाजी का रास्ता नहीं अपनाया। उन्होंने कहा, “हम भी सौदेबाजी कर सकते थे, लेकिन हमने संविधान का रास्ता चुना। बाजार तब भी लगते थे। खरीद-फरोख्त तब भी होता था। अटल जी ने बाजार और खरीद-फरोख्त के माहौल के बावजूद सौदा नहीं किया। उन्होंने 13 दिन बाद अपनी सरकार का इस्तीफा दे दिया, क्योंकि वे संविधान और लोकतांत्रिक मयार्दाओं के प्रति समर्पित थे।”
आज कांग्रेस के लोग सुप्रीम कोर्ट की भावना का भी अनादर कर रहे
संविधान सभा ने यूसीसी को लेकर लंबी चर्चा की थी। बाबा साहब ने धार्मिक आधार पर बने पर्सनल लॉ को खत्म करने की उन्होंने जोरदार वकालत की थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार कहा है कि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड जल्द से जल्द लाना है। आज कांग्रेस के लोग सुप्रीम कोर्ट की भावना का भी अनादर कर रहे हैं। लोगों को डराने के लिए संविधान का इस्तेमाल किया जाता है। जो अपनी पार्टी के संविधान को नहीं मानते हैं। ये जिनकी रगों में नहीं है।उनमें केवल सत्तावाद और परिवारवाद भरा पड़ा हुआ है। जो लोग अपनी पार्टी के संविधान को नहीं मानते वो लोग कैसे देश के संविधान को स्वीकार कर सकते हैं। सीताराम केसरी को उठाकर फुटपाथ पर फेंक दिया गया। कहते हैं बाथरूम में बंद कर दिया गया था।
कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई तब बाबा साहब को दिया जा सका भारत रत्न
पीएम मोदी ने कहा कि, बाबा साहब को भारत रत्न देने का काम भी तब संभव हुआ जब कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई। वोटबैंक की राजनीति में डूबे हुए लोगों ने आरक्षण के अंदर नुक्ताचीनी करने का काम किया है इसका सबसे ज्यादा नुकसान एससी-एसटी और ओबीसी का नुकसान किया है। पीएम मोदी ने कहा कि, दशकों तक मंडल कमीशन की रिपोर्ट को डिब्बे में डाल दिया था।
नैशनल अडवायजरी काउंसिल को पीएमओ के ऊपर बैठा दिया गया
पीएम मोदी ने कहा कि मनमोहन सिंह जी ने कहा था कि, ‘मुझे यह स्वीकार करना होगा कि पार्टी अध्यक्ष सत्ता का केंद्र है।’ सरकार पार्टी के प्रति जवाबदेह है। इतिहास में पहली बार संविधान को ऐसी गहरी चोट पहुंचा दी गई।नैशनल अडवायजरी काउंसिल को पीएमओ के ऊपर बैठा दिया गया। एक अहंकारी व्यक्ति कैबिनेट के निर्णय को फाड़ दे और कैबिनेट अपना फैसला बदल दे ये कौन-सी व्यवस्था है। कांग्रेस ने निरंतर संविधान की अवमानना किया है। संविधान के महत्व को कम किया है।
कट्टरपंथियों के आगे राजीव गांधी ने सिर झुका दिया
पीएम मोदी ने कहा कि, ‘जो परंपरा नेहरू जी ने शुरू की, जिसको इंदिरा जी ने आगे बढ़ाया, राजीव गांधी ने संविधान को एक और गंभीर झटका दे दिया। समानता के भाव को चोट पहुंचाई। भारत की महिला को न्याय देने का काम संविधान की मयार्दा के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया था लेकिन राजीव गांधी ने वोटबैंक की खातिर संविधान की भावना को बलि चढ़ा दिया और कट्टरपंथियों के आगे सिर झुका दिया।
कांग्रेस ने संविधान की आत्मा को लहूलुहान किया
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस समय-समय पर संविधान का शिकार करती रही और संविधान की आत्मा को लहूलुहान करती रही। 6 दशक में 75 बार संविधान बदला गया। जो बीज देश के पहले पीएम ने बोया था उसको खाद-पानी देने का काम इंदिरा गांधी ने किया। 1975 में 39वां संशोधन किया, राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, अध्यक्ष, प्रधानमंत्री के चुनाव के खिलाफ कोई कोर्ट में जा ही नहीं सकता है ऐसा प्रावधान किया गया। इमरजेंसी में लोगों के अधिकार छीन लिए गए, न्यायपालिका का गला घोंट दिया गया। कमिटेज जुडिशरी के विचार को उन्होंने ताकत दी।
कांग्रेस ने संविधान के साथ छेड़छाड़ की- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने संविधान के साथ छेड़छाड़ की और अपनी मनमानी करने के लिए संविधान के मूल भाव को दरकिनार किया। उन्होंने बताया कि संविधान सभा में जो काम नहीं करवा पाए, उसे बाद में पीछे से किया गया। पीएम मोदी ने कहा कि पंडित नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी थी कि अगर संविधान हमारे रास्ते में आए तो हर हाल में उसमें परिवर्तन करना चाहिए। उन्होंने 1951 की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय एक पाप किया गया, जब राष्ट्रपति डॉ। राजेंद्र प्रसाद ने चेतावनी दी थी कि यह गलत हो रहा है। स्पीकर ने भी कहा था कि यह गलत कर रहे हो। पीएम मोदी ने कहा कि यह घटना बताती है कि कांग्रेस ने किस तरह संविधान की मयार्दाओं का उल्लंघन किया।
कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि 55 वर्षों तक एक ही परिवार का शासन रहा, और इसी दौरान संविधान पर लगातार प्रहार किए गए। इस परिवार की कुविचार, कुरीति और कुनीति की परंपरा ने देश को कई मुश्किलों में डाला। पीएम मोदी ने 1951 की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय जब चुनी हुई सरकार नहीं थी, कांग्रेस ने एक अध्यादेश लाकर संविधान को बदला और अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला किया। उन्होंने कहा कि यह परिवार हर स्तर पर संविधान को चुनौती देता रहा है, और देशवासियों को यह जानने का अधिकार है कि उनके शासनकाल में क्या-क्या हुआ।
जिनको कोई नहीं पूछता उनको मोदी पूजता है: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, गरीबों के नाम पर बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया लेकिन 2014 देश के 50 करोड़ ऐसे नागरिक थे जिन्होंने बैंक की शक्ल नहीं देखी थी। 50 करोड़ गरीबों के बैंक खाते खोलकर के हमने बैंकों के दरवाजे गरीबों के लिए खोले। गरीबी हटाओ इसी कारण जुमला बनकर रह गया। गरीब को इस मुश्किल से मुक्ति मिले ये हमारा मिशन है। जिनको कोई नहीं पूछता उनको मोदी पूजता है।
संविधान की ताकत से तीन बार पीएम बना- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में संविधान की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह संविधान ही है जिसने उन्हें और कई अन्य लोगों को यहां तक पहुंचने का अवसर दिया। उन्होंने कहा, “एक बार नहीं, दो बार नहीं, तीन बार प्रधानमंत्री बनना संविधान की शक्ति के बिना संभव नहीं था।” पीएम मोदी ने कहा कि देश ने कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन जनता ने हर चुनौती में लोकतंत्र को मजबूत किया। उन्होंने संविधान निमार्ताओं की तपस्या को नमन करते हुए देशवासियों के प्रति आभार जताया और कहा कि यह संविधान हर भारतीय के लिए विशेष आदर का विषय है।
‘हमारा संविधान भी भारत की एकता का आधार’
पीएम मोदी ने आगे कहा कि- हमारा संविधान भी भारत की एकता का आधार है। हमारे संविधान के निर्माण में इस देश के बड़े दिग्गज रहे हैं। समाज के हर वर्ग का प्रतिनिधित्व था। सभी भारत की एकता के लिए बहुत संवेदनशील थे। बाबासाहेब आंबेडकर जी ने चेताया था कि समस्या यह है कि देश में जो विविधता से भरा जनमानस है, उसे किस तरह एकमत किया जाए। कैसे देश के लोगों को एक साथ होकर निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया जाए, जिससे देश में एकता की भावना पैदा हो। मुझे बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आजादी के बाद विकृत मानसिकता के कारण अगर सबसे बड़ा प्रहार हुआ है तो वह संविधान के मूलभाव पर प्रहार हुआ है। इस देश की प्रगति विविधता में एकता जश्न मनाने में रही है।
हमने देश में एकता का भाव मजबूत किया- पीएम
पीएम मोदी ने कहा- मैं संविधान के प्रकाश में इन बातों को रख रहा था। पिछले 10 साल देश की जनता ने हमें जो बहुमत दिया है, उसमें हमने देश में एकता का भाव मजबूत किया है। जम्मू-कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 देश की एकता में रोड़ा बन रहा था। हमने अनुच्छेद 370 को हटा दिया। वन नेशन-वन टैक्स यानी जीएसटी, वन नेशन-वन राशन कार्ड हमने लागू किया। आज देश का कोई व्यक्ति अगर कहीं बीमार हो गया तो उसके पास देश में आयुष्मान कार्ड है। हमने वन नेशन-वन इलेक्ट्रिक ग्रिड के सपने को पूरा कर दिया। आज बिजली को देश के किसी भी जगह से कहीं भी दिया जा सकता है।



