भोपाल। देश विभाजन के साथ लाखों लोग बेघर हुए, परिवार से बिछड़े थे। लाखों लोगों की जानें गई थी। यह दर्द विभाजन का था। ऐसे में इस दिन को बीजेपी देशभर में विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाएगी। मध्यप्रदेश में भी कल यानि 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जाएगा। दरअसल विभाजन के दौरान जिन परिवारों के सदस्यों को प्राण न्यौछावर करने पड़े, उन्हें नमन करते हुए श्रद्धांजलि देकर विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जाता है। भाजपा ने 14 अगस्त को काला दिन बताया है। इसे लेकर सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है।
गौरतलब है कि 14 अगस्त 1947 को लाखों लोग बेघर हो गए, घर छूटा, परिवार छूटा, लाखों की जानें गईं, यह दर्द विभाजन का था। ऐसे में भारत के लिए यह विभीषिका से कम नहीं था। इसी दर्द को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने का ऐलान किया था। इसी कड़ी में प्रदेश में भी संगोष्ठी, चौपाल सहित अलग अलग गतिविधियों के जरिए जागरूक करने का काम किया जाएगा।
सामान्य प्रशासन विभाग के जारी आदेश में लिखा है, देश का विभाजन किसी विभीषिका से कम नहीं था। भारत के लाखों लोगों ने बलिदान देकर आजादी प्राप्त की थी, ऐसे समय पर देश का दो टुकड़ों में बँट जाने का दर्द लाखों परिवारों में एक गहरे जख्म की तरह घर कर गया है। इसी समय बंगाल का भी विभाजन हुआ। इसमें बंगाल के पूर्वी हिस्से को भारत से अलग कर पूर्वी पाकिस्तान बना दिया गया था, जो कि सन 1971 में बांग्लादेश के रूप में एक स्वतंत्र राष्ट्र बना।
भारत के इस भौगोलिक बंटवारे ने देश के लोगों को सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक तथा मानसिक रूप से झकझोर दिया था। विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस हमें न सिर्फ भेद- भाव, वैमनस्य एवं दुर्भावना को खत्म करने की याद दिलायेगा बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानव सशक्तिकरण की प्रेरणा मिलेगी। मध्यप्रदेश शासन द्वारा सम्पूर्ण प्रदेश में विभिन्न आयोजनों/कार्यक्रमों के साथ दिनांक 14 अगस्त, 2024 को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर भोपाल सहित प्रदेश के समस्त जिलों में नीचे उल्लेखित अनुसार कार्यक्रम किये जाना है :-
- विभाजन विभीषिका के दौरान विस्थापित परिवारों के सदस्यों को आमंत्रित किया जाये एवं उनके साथ त्रासदी के दौरान प्राणोत्सर्ग करने वाले लोगों की याद में दो मिनट की मौन श्रद्धांजली अर्पित करने के साथ उनसे उनके संस्मरण भी साझा किए जाए।
- बारिश की संभावना देखते हुए जिला कलेक्टर द्वारा चिन्हाकित किसी बड़ें सभागार में विभाजन विभीषिका से संबंधित अभिलेख प्रदर्शनी का आयोजन किया जाये जिसमें तत्कालीन घटनाक्रम के फोटो, अखबारों की कतरनें, साहित्य, राजकीय अभिलेख, विस्थापित परिवारों की संरक्षित सामग्री, विभाजन पर आधारित उपलब्ध फिल्में आदि का प्रदर्शन किया जाये।