नई दिल्ली। देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है। कल मंगलवार को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वन नेशन वन इलेक्शन की वकालत की थी। उन्होंने मोदी सरकार के तीसरे टीम के 100 दिनों का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए कहा था कि केन्द्र सरकार के इसी कार्यकाल के दौरान एक देश एक चुनाव लागू करने की योजना है। वहीं आज बुधवार को मोदी कैबिनेट वन नेशन-वन इलेक्शन पर गठित पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी की सिफारिशों पर अपनी मुहर लगा दी। बिल शीतकालीन सत्र यानी नवंबर-दिसंबर में संसद में पेश किया जाएगा। यह जानकारी केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी है।
वैष्णव ने कहा कि ‘पहले फेज में विधानसभा और लोकसभा चुनाव साथ होंगे। इसके बाद 100 दिन के भीतर दूसरे फेज में निकाय चुनाव साथ कराए जाएं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर कोविंद समिति की रिपोर्ट स्वीकार कर लिया है। कोविंद समिति को एक साथ चुनाव कराने के लिए व्यापक समर्थन मिला है। मंत्रिमंडल ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव को मंजूरी दी है। उन्होंने यह भी कहा कि कोविंद समिति की सिफारिशों पर पूरे भारत में विभिन्न मंचों पर चर्चा की जाएगी। बड़ी संख्या में दलों ने एक साथ चुनाव कराने का समर्थन किया है। हम अगले कुछ महीनों में आम सहमति बनाने का प्रयास करेंगे।
कमेटी ने यह भी दिया है सुझाव
पैनल 2 सितंबर 2023 को बनाया गया था। यह रिपोर्ट स्टेकहोल्डर्स-एक्सपर्ट्स से चर्चा के बाद 191 दिन की रिसर्च का नतीजा है। कमेटी ने सभी विधानसभाओं का कार्यकाल 2029 तक करने का सुझाव दिया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विधि आयोग के प्रस्ताव पर सभी दल सहमत हुए तो यह 2029 से ही लागू होगा। साथ ही इसके लिए दिसंबर 2026 तक 25 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने होंगे।
क्यों ये बड़ा कदम है?
बता दें कि मोदी सरकार लंबे वक्त से एक देश-एक चुनाव की वकालत करती आई है। 15 अगस्त को लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक देश-एक चुनाव के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों से आगे आने की अपील की थी। इससे पहले 2024 के लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में भी बीजेपी ने एक देश-एक चुनाव का वादा किया था। अब कोविंद कमेटी की रिपोर्ट को कैबिनेट से मंजूरी मिली है। यानी सरकार ने एक देश-एक चुनाव के प्रस्ताव को मान लिया है। अब इस कमेटी के आधार पर बिल बनाया जाएगा। इस बिल को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद संसद में पेश किया जाएगा।
संसद के शीतकालीन सत्र में लाया जा सकता है बिल
सूत्रों का कहना है कि मोदी सरकार संसद के अगले शीतकालीन सत्र में इसे लेकर बिल लाया जा सकता है। अगर ये बिल, कानून बनता है तो 2029 में देशभर में लोकसभा के साथ-साथ सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव भी होंगे। इन चुनावों के बाद 100 दिन के भीतर पंचायतों के साथ-साथ नगर पालिकाओं के चुनाव भी कराए जाएंगे।