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ट्रंप के दावे पर गुलाम नबी की विपक्ष को खरी-खरी, पीएम ने दे दिया दो टूक जवाब, उनका अध्याय हुआ बंद

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नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर में भूमिका निभाने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर का देश का सियासी पारा हाई है। एकजुट विपक्ष केन्द्र सरकार पर तीखे हमले कर रहा है। इन सब के बीच जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने ट्रंप के दावे को लेकर बडा बयान दिया है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कह दिया है कि लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जवाब के बाद अब ट्रंप का अध्याय बंद हो गया।

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप बहुत कुछ बोलते हैं, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में स्पष्ट रूप से कह दिया कि विश्व के किसी भी देश के नेता ने ऑपरेशन सिंदूर में हस्तक्षेप नहीं किया। साथ ही उन्होंने अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस का भी जिक्र किया, इसलिए अब यह अध्याय बंद हो गया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है, लेकिन मुख्यमंत्री के रूप में मैंने हमेशा यह सुनिश्चित किया कि मानवाधिकारों का उल्लंघन न हो। सुरक्षा बलों के जितने ऑपरेशन हुए, हमने हमेशा उसका समर्थन किया है, लेकिन फेक एनकाउंटर नहीं होने चाहिए।

लोकसभा में यह बोले थे पीएम मोदी
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा था कि दुनिया के किसी भी नेता ने ऑपरेशन सिंदूर को नहीं रुकवाया। उन्होंने कहा कि 9 तारीख की रात को अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने मुझसे बात करने की कोशिश की। वह घंटे भर कोशिश कर रहे थे, लेकिन मेरी सेना के साथ बैठक चल रही थी, तो मैं फोन उठा नहीं पाया, लेकिन बाद में मैंने कॉल बैक किया। फिर अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने मुझे बताया कि पाकिस्तान बहुत बड़ा हमला करने वाला है। इस पर मैंने कहा, अगर पाकिस्तान का ये इरादा है, तो उसे बहुत महंगा पड़ेगा। अगर पाकिस्तान हमला करेगा तो हम बड़ा हमला कर जवाब देंगे। आगे मैंने कहा था, हम गोली का जवाब गोले से देंगे।

ट्रंप कई बार कर चुके हैं दावा
दरअसल ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के डीजीएमओ द्वारा भारत के डीजीएमओ से हुई बातचीत के बाद ऑपरेशन को स्थगित करने का फैसला लिया गया। लेकिन, उससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा सोशल मीडिया के जरिए भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा की बात कही गई और साथ ही इसके लिए मध्यस्थता की बात भी लिखी गई। इतना ही नहीं उन्होंने कई बार दावा कि मेरे दबाव में भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर हुआ। जिसके बाद भारत में विपक्षी दल लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा से सवाल कर रहे थे कि किसी अन्य देश की मध्यस्थता से सीजफायर की घोषणा क्यों हुई।

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