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सीएम ने की वन विभाग की गतिविधियों की समीक्षा, बोले- वन ग्रामों में होगा सर्वे, छूटे पात्र व्यक्तियों को दिए जाएंगे पट्टे

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भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को वन विभाग की गतिविधियों की समीक्षा की समीक्षा की। सीएम हाउस में हुई बैठक को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि वन ग्रामों में भी पट्टे दिए जाएंगे। वन ग्रामों में सर्वे करवाया जायेगा और जो पात्र व्यक्ति छूट गए हैं उन्हें भी ससम्मान पट्टे दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सघन वन मध्यप्रदेश की पहचान है इसलिए वन विभाग प्रदेश की बेजोड़ सघन वन सम्पदा एवं वन्य जीव पर्यटन सुविधाओं में और अधिक विस्तार कर अपनी स्थायी आय के साधन बढ़ाए। बैठक में सीएम अनुराग जैन, एससीएस सीएमओ डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव वन अशोक वर्णवाल सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश में आने वाले पर्यटकों का प्रमुख आकर्षण बाघ का दिखाई देना है, जो वन विभाग की आय का प्रमुख साधन भी है। बफर एरिया में जरूरी सुविधाओं का विस्तार करें और विशेषज्ञों की सेवाएं लें। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ वन अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे गुजरात के वनतारा जाएं, उनका वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर देखें और मध्यप्रदेश में भी ऐसे ही बड़े रेस्क्यू सेंटर की स्थापना की संभावनाओं पर गहनता से अध्ययन करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पदस्थापना वाले वनधिकारियों एवं कर्मचारियों को पौष्टिक आहार भत्ता एवं विशेष भत्ता आदि देकर उनका सम्मान किया जाएगा। साथ ही वन सुरक्षा में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले वनकर्मियों को आउट आफ टर्न प्रमोशन देने पर भी वन विभाग विचार कर प्रस्ताव दें।

देश के पांच सर्वोत्तम टाइगर रिजर्व में तीन मध्यप्रदेश के
अपर मुख्य सचिव वन ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा देश के सभी टाइगर रिजर्व की ग्रेडिंग की गई थी। देश के पांच सर्वोत्तम टाइगर रिजर्व में से तीन मध्यप्रदेश की पावन धरा पर स्थित हैं। यह प्रदेश के लिए अत्यंत गौरव का विषय है। उन्होंने बताया कि गत वित्त वर्ष में देश में 1.67 लाख से अधिक वन पर्यटक टाइगर रिजर्व में आए। इनमें से 80 हजार से अधिक वन पर्यटक मध्यप्रदेश के तीन टाइगर रिजर्व में आए। उल्लेखनीय मध्यप्रदेश में वर्तमान में 9 टाइगर रिजर्व संचालित हैं। सागर जिले में 258.64 वर्ग कि.मी. वन क्षेत्र में डॉ. भीमराव अम्बेडकर अभयारण्य की स्थापना की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।

प्रदेश के वन आवरण में 1390 वर्ग किमी की हुई वृद्धि
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2003 से वर्ष 2023 के दौरान सरकार की वन मित्र नीतियों के कारण मध्यप्रदेश के वन आवरण में कुल 1390 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। वन राजस्व संग्रहण के लक्ष्य 1650 करोड़ रुपये के लक्ष्य के विरुद्ध गत वित्त वर्ष में 1646.07 करोड़ रुपये राजस्व आय दर्ज की गई है। इसमें से वन समितियों को 189.82 करोड़ का लाभांश भी बांटा गया है। वर्तमान वित्त वर्ष में 1700 करोड़ रुपये वन राजस्व आय का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 में वन विभाग द्वारा 5.67 करोड़ से अधिक पौधों का रोपण किया गया है। इसी दौरान प्रदेश में राष्ट्रीय बांस मिशन योजनांतर्गत 7360 हेक्टेयर क्षेत्र में बांस रोपण भी किया गया है।

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