इंदौर। राजधानी भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को पीथमपुर में रामकी कपंनी में आज शुक्रवार से नष्ट किया जाएगा। को नष्ट करने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। कचरे को नष्ट करने के लिए विशेष भट्टी का उपयोग किया जाएगा। जिसका तापमान 850 डिग्री सेल्सियस होगा। गैस त्रास्दी के बाद से यह कचरा फैक्टरी में ही आसपास के वातावरण को दूषित कर रहा था। मप्र सरकार ने कचरे को जलाने की प्रक्रिया हाईकोर्ट के हस्तक्षेत्र के बाद शुरू की है। इस पूरे आॅपरेशन की निगरानी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम कर रही है। वहीं सुरक्षा को लेकर भी विशेष इंतजाम किए गए है। कंपनी के आसपास 500 से अधिक पुलिस बल तैनात किया गया है।
यूनियन कार्बाइड के इस जहरीले कचरे को जलाने के लिए विशेष सावधानियां बरती जा रही हैं। कचरे को छोटे-छोटे 9-9 किलो के बैग्स में पैक किया गया है। प्रत्येक बैग में 4.5 किलो कचरा और 4.5 किलो चूना मिलाया गया है, जिससे इसे जलाने की प्रक्रिया को नियंत्रित किया जा सके। इंसीनरेटर को गर्म करने में 12 घंटे लगते हैं, इसलिए इसे बीती रात 10 बजे से चालू कर दिया गया था। इंसीनरेटर को जलाए रखने और उसके तापमान को बनाए रखने के लिए हर घंटे 400 लीटर डीजल की खपत होगी।
बता दें कि यूनियन कार्बाइड फैक्टरी का 337 टन कचरा 12 कंटेनरों में इंदौर के समीप पीथमपुर में दो जनवरी की रात को लाया गया। इसके लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। ढाई सौ किलोमीटर का सफर तय करने में आठ घंटे लगे। पीथमपुर में कचरे का निपटान करने का जोरदार विरोध हुआ। दो लोगों ने आत्मदाह करने की कोशिश की। राष्ट्रीय राजमार्ग एबी रोड का ट्रैफिक रोका गया। इसके बाद सरकार ने वस्तुस्थिति कोर्ट के समक्ष रखी। कोर्ट ने जन संवाद कर कचरे से जुड़ी भ्रांतियां मिटाने की बात अफसरों को कही। जहरीले कचरे को पीथमपुर की रामकी कंपनी में नष्ट किया जाएगा। मप्र सरकार ने कचरे को नष्ट करने के लिए 126 करोड़ रुपये दिए हैं।
56 दिन बाद खोले गए कंटेनर
पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाने के लिए 56 दिन बाद गुरुवार को पांच कटेंनर खोले गए। अब इस कचरे को शुक्रवार से भस्मक में जलाने की तैयारी हो चुकी है। रामकी कंपनी के आसपास आज सुबह से ही पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए। अब कचरा जलाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके तहत पहले दस टन कचरे को विशेष बैग से निकाला जाएगा। इसके बाद उसे मिक्स किया जाएगा और फिर भस्मक में आठ सौ से ज्यादा डिग्री तापमान पर जलाया जाएगा।