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गुजरात के कांग्रेसियों पर ऐसे भड़के राहुल, बोले- यहां दो विचारधारा के नेता, जरूर पड़ी तो 20-30 को दिखाएंगे बाहर का रास्ता

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अहमदाबाद। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी अहमदाबाद में गुजरात के कांग्रेस नेताओं पर जमकर भड़ास निकाली है। उन्होंने शनिवार को पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधिक करते हुए कहा कि गुजरात कांग्रेस में दो तरह के लोग हैं। एक वो हैं, जो जनता के साथ खड़े हैं। जिसके दिल में कांग्रेस की विचारधारा है। दूसरा वो हैं, जो जनता से दूर हैं। कटे हुए हैं और उसमें से आधे बीजेपी से मिले हैं। जब तक हमने इन दो को अलग नहीं किया, तब तक गुजरात की जनता हम पर विश्वास नहीं कर सकती है। इस दौरान राहुल ने यहां तक कह दिया दिया की अगर 20-30 लोगों को पार्टी से निकालना भी पड़े तो हम वह भी करेंगे।

बता दें कि राहुल दो दिन के गुजरात दौरे पर हैं। शनिवार को उनके दौरे का दूसरा दिन रहा। उन्होंने अहमदाबाद के जेड हॉल में प्रदेश के करीब 2 हजार कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। महिला दिवस के मौके पर राहुल गांधी ने महिला कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की।इस दौरान राहुल ने कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन भी किया। उन्होंने कहा कि ‘कांग्रेस पार्टी में नेताओं की कमी नहीं है। बब्बर शेर हैं, लेकिन पीछे से चेन लगी है और बब्बर शेर बंधे हुए हैं। एक मेरी बैठक हो रही थी, जिसमें एक कार्यकर्ता ने कहा कि दो तरीके के घोड़े होते हैं, एक होता है रेस का और दूसरा होता है बारात का।

पार्टी की गुटबाजी को करना होगा अलग
कांग्रेस पार्टी बारात के घोड़े को रेस में, और रेस के घोड़े को बारात में डाल देती है। अब गुजरात की जनता भी ये देख रही है कि रेस में बारात के घोड़े डाले हुए हैं।’ राहुल गांधी ने कहा कि ‘पहला काम हमें ये करना है कि हमें पार्टी के भीतर जो गुटबाजी है, उसे अलग करना है और इसके लिए 20-30 लोगों को निकालना पड़े तो निकाल देना चाहिए।’ राहुल ने कहा कि गुजरात फंसा हुआ है, यह आगे बढ़ना चाहता है। लेकिन गुजरात की कांग्रेस पार्टी उसको रास्ता नहीं दिखा पा रही है। मैं ये बातें डरकर नहीं बोल रहा हूं और न शरमाकर बोल रहा हूं। मगर मैं आपके सामने ये बातें रखना चाहता हूं कि चाहे राहुल गांधी हो, चाहे जनरल सेक्रेटरी हों, हम गुजरात को रास्ता नहीं दिखा पा रहे हैं।

गुजरात की जनता की उम्मीदों पर हम खरा नहीं उतरे
उन्होंने कहा कि अगर हम गुजरात की जनता की रिस्पेक्ट करते हैं, तो साफ कहना पड़ेगा कि आज तक जनता की जो उम्मीदें हमसे थीं, मुझसे थीं, वे हम पूरी नहीं कर पाए। अगर ये नहीं बोलेंगे तो हमारा गुजरात की जनता से रिश्ता नहीं बनेगा। राहुल ने कहा कि गुजरात की जो लीडरशिप है उसमें दो तरह के लोग हैं। जब तक इन दो ग्रुपों को अलग नहीं किया जाता, तब तक गुजरात की जनता हमारे ऊपर विश्वास नहीं करेगी। गुजरात के किसान, मजदूर, स्टूडेंट विकल्प चाहते हैं न कि बी टीम, तो मेरी जिम्मेदारी है कि जो ये दो ग्रुप हैं इनको छांटना है।

हमारे हर नेता के दिल में कांग्रेस होनी चाहिए
हमारा कोई जिला अध्यक्ष का ब्लाक अध्यक्ष या सीनियर लीडर हो तो उसके दिल में कांग्रेस होनी चाहिए। संगठन का कंट्रोल ऐसे लोगों को ही मिलना चाहिए। जैसे ही हम ऐसा करेंगे तूफान की तरह जनता हमारे साथ जुड़ेगी। गुजरात को अब चुनाव के बारे में बात नहीं करनी चाहिए। हमारा ये प्रोजेक्ट 50 साल का है, हमें अपनी पार्टी की विचारधारा को जनता से जोड़ना होगा। गांधी जी ने हमें जो सिखाया, जो सरदार पटेल ने सिखाया वही गुजरात में करना है।

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