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वन संरक्षण और जलवायु-समर्थ आजीविका पर भोपाल में दो दिन होगा मंथन, कार्यशाला का शुभारंभ करेंगे मोहन-भूपेन्द्र यादव

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भोपाल। मध्यप्रदेश के ट्राइबल एरिया में वन पुनर्स्थापन, जलवायु परिवर्तन और समुदाय-आधारित आजीविका जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर मंथन करने के लिए राज्य सरकार दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन करन जा रही है। यह कार्यशाला 18 अप्रैल से प्रशासन अकादमी में आयोजित होगी। जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगें। कार्यशाला में केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव भी शिरकत करेंगे। कार्यशाला की रूपरेखा डॉ. राहुल मूंगीकर पेश करेंगे। इस अवसर पर जनजातीय समुदाय और प्राकृतिक संरक्षण पर केंद्रित आॅडियो-विजुअल प्रस्तुति भी दी जाएगी।

राष्ट्रीय कार्यशाला के विभिन्न सत्रों में वन संरक्षण की वर्तमान कानूनी व्यवस्थाएं, उनकी सीमाएं और समाधान, जैव विविधता संशोधन अधिनियम-2023, सामुदायिक वन अधिकार, पारंपरिक ज्ञान का दस्तावेजीकरण और वन पुनर्स्थापन जैसे मुद्दों पर विस्तृत चर्चा होगी। बैंगलुरू से आ रहे प्रो. रमेश विशेषज्ञ वक्तव्य भी देंगे। कार्यशाला में डॉ. योगेश गोखले, डॉ. राजेन्द्र दहातोंडे आदि वक्ता विभिन्न सत्रों को संबोधित करेंगे।

समापन सत्र को संबोधित करेंगे राज्यपाल
राज्यपाल मंगुभाई पटेल राष्ट्रीय कार्य शाला के समापन-सत्र में मुख्य अतिथि होंगे। पूर्व राष्ट्रीय जनजातीय आयोग अध्यक्ष श्री हर्ष चौहान समापन वक्तव्य देंगे। कार्यशाला में वनीकरण, जलवायु संवेदनशीलता और वनवासी समुदायों की समावेशी भागीदारी पर केन्द्रित डॉक्युमेंट्री फिल्मों का भी प्रदर्शन किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण में वनों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह कार्यशाला वनों, जैव विविधता, प्राकृतिक संसाधनों और जनजातीय आजीविका को केंद्र में रखते हुए एक सतत और न्यायसंगत विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

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