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मप्र की शान सीधी की दरी-कालीन: मोहन के मंत्री बोले- कारीगरों की मेहनत को मिलेगा नया बाजार, नया मुकाम मिलेगा हुनर को

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भोपाल। मध्यप्रदेश के कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल ने सीधी जिले के दरी और कालीन की सराहना की है। उन्होंने कहा है कि “एक जिला एक उत्पाद”योजना के अंतर्गत सीधी जिले की दरी और कालीन को खास पहचान मिली है। सीधी जिले के दरी और कालीन मध्यप्रदेश की शान हैं। इससे स्थानीय कारीगरों की मेहनत को नया बाजार मिलेगा। साथ ही उनकी परंपरा और हुनर को नये मुकाम तक पहुंचाया जाएगा।

मंत्री जायसवाल ने कहा कि बुनकर मुद्रा योजना के साथ प्रदेश के बुनकरों की तरक्की होगी। योजनांतर्गत, बुनकरों को अब 50 हजार रुपए से लेकर 5 लाख रूपए तक का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य और केन्द्र सरकार साझा प्रयास कर बुनकरों को हक और प्रोत्साहन दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि रेशम के धागे से दवाइयां और सेरीबैंडेज का निर्माण होगा। ऐसा नवाचार करने के मामले में मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि सतपुड़ा एवं नर्मदा के वनों के ककून से दवाएँ बनाई जाएंगी। पाउडर, क्रीम, सेरीबैंडेज, सिजेरियन ड्रेसिंग, डायबिटिक घाव की ड्रेसिंग तथा आॅपरेशन के बाद की ड्रेसिंग निर्मित होंगी।

सेरीबैंडेज की विशेषताएं
रेशम घाव को गीला नहीं रखता, शरीर के साथ भी नहीं चिपकता तथा रेशम से फायब्रोयिन नामक प्रोटीन निकलता है, जो जख्मों, डायबिटीज से ऊंगलियों में होने वाले घाव और गर्भवती महिलाओं के सर्जिकल डिलीवरी के घाव को कम समय में ठीक करता है। इससे संक्रमण की संभावना भी नगण्य हो जाती है।

रेशम की विशेषताएं
रेशम एक मजबूत प्राकृतिक फाइबर है, जो घर्षण और तनाव का प्रतिरोधी होता है। रेशम के धागे से पाउडर, क्रीम, सेरीबैंडेज और सिजेरियन बैंडेज का निर्माण होता है। रेशम नमी को सोख लेता है, जो इसे गर्मियों के कपड़ों के लिए एक अच्छा विकल्प बनाता है। रेशम लचीला होता है, जो इसे विभिन्न प्रकार के कपड़ों और उत्पादों के लिए उपयुक्त बनाता है।

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