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विधानसभा में गूंजा वन अधिकार पट्टों का मसला, पक्ष-विपक्ष के बीच हुई तीखी नोंकझोंक

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भोपाल। दो दिन के अवकास के बाद मप्र विधानसभा मानसून सत्र की कार्यवाही सोमवार से फिर हो गई है। आज सदन में वन अधिकार पट्टों का मुद्दा उठा और वनाधिकारों के दावों को खारिज करने पर भी बहस हुई। ध्यानाकर्षण में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि एमपी में 2005 के बाद से पट्टे नहीं मिले। प्रदेश के आदिवासी जिलों में वन अधिकार के दावेदारों के प्रकरणों को खारिज किया जा रहा है। इसकी तरफ वन राज्य मंत्री का ध्यान आकर्षित करेंगे। इस पर वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार ने कहा कि यह कहना बिल्कुल गलत है कि आदिवासी जिलों में वन अधिकार के दावेदारों के प्रकरणों को खारिज कर बेदखल किया गया है। आदिवासियों के हित में सरकार लगातार काम कर रही है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार आदिवासी जमीनों की सही से रखवाली नहीं कर रही है। प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने एआई का उपयोग न करने की बात कही। जिस पर मंत्री विजय शाह ने जवाब देते हुए कहा कि सेटेलाइट इमेज पब्लिक डोमेन में डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सैटेलाइट इमेज के जरिए दिसंबर 2005 की स्थिति की जानकारी लेकर वन अधिकारी पट्टों के मामले में निर्णय किया जाएगा। वहीं मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने कहा कि इस व्यवस्था के माध्यम से 2005 की स्थिति में किसका कब्जा था यह भी साफ हो जाएगा और पट्टों के वितरण की स्थिति भी स्पष्ट हो जाएगी।

आदिवासियों के लिए ठोस कदम उठा रही सरकार: सीएम
वहीं सीएम ने सदन में प्रदेश के आदिवासी जिलों में वन अधिकार के दावेदार के प्रकरणों को खारिज कर बेदखल करने से उत्पन्न स्थिति पर ध्यानाकर्षण में कहा कि आदिवासियों को कई लाभ दिए गए हैं। हमारी सरकार ठोस कदम उठा रही है। हम विपक्ष की सकारात्मक सलाह को लेने के लिए तैयार हैं। आदिवासी पट्टों और आदिवासियों के विकास के लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करेंगे। आदिवासी ग्राम में बरसात के समय आवास छीनना और आवास तोड़ना बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। अधिकारियों को इसके बारे में निर्देश दिए गए हैं । ऐसा नहीं होना चाहिए।

भाजपा सरकार के कार्यकाल में बंटे 26,500 पट्टे
आदिवासियों के पट्टे के मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सदन में कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही सबसे अधिक 26,500 पट्टे बांटे गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सदन में कहा, ह्लवन क्षेत्रों में जो आदिवासियों की मूलभूत सुविधाएं कैसे बढ़ाएं, पट्टे कैसे दें। हमारी सरकार ने न केवल इस दिशा में ठोस कदम उठाया है बल्कि आदिवासियों को सुविधाएं भी दी हैं। सरकार किसी भी आदिवासी को परेशानी में नहीं देखना चाहेगी। हमारे यहां हजारों सालों से वन ग्राम है तो क्षेत्र में विकास हो उसके लिए सरकार खड़ी है।

सीएम ने कहा- अधिकारियों को दिए बारिश में आवास न छीनने के निर्देश
सीएम ने आए कहा कि आज ध्यान आकर्षण में यही संकल्प लेते हैं कि हम आदिवासियों का पूर्ण रूप से ख्याल रखेंगे। धरती आबा योजना और अन्य योजना आदिवासियों के लिए है। आदिवासियों के विकास के लिए विपक्ष भी साथ में बैठना चाहे तो हम साथ में बैठने को तैयार है। दलगत भावना से ऊपर उठकर आदिवासियों के विकास के लिए काम करेंगे। बारिश के समय किसी का आवास छीनना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा३यह अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

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