मध्यप्रदेश का प्रमुख विपक्षी दल विधानसभा सत्र में बिगड़ती कानून व्यवस्था, घोटाले-भ्रष्टाचार सहित, दलित-आदिवासी पर बढ़ता अत्याचार, किसानों के साथ हो रहे अन्याय और युवाओं के रोजगार से जुड़े मुद्दों पर मजबूती के साथ सदन में सरकार को घेरेगा।
राजधानी भोपाल में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के निवास पर मध्यप्रदेश कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई। बैठक में भाजपा सरकार की नाकामी और वादाखिलाफी को लेकर चर्चा की गई। साथ ही 1 दिसंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों और उनपर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई गई।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मजबूती से जनता की आवाज सदन में उठाने को लेकर विधायकों से चर्चा की। बैठक के शुरुआत में नवनियुक्त मुख्य सचेतक सोहन वाल्मीकि का सम्मान किया गया।
बैठक में कई मुद्दों पर गहन चर्चा हुई जिनमें प्रमुख रूप से प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था, SIR में हो रही गड़बड़ी और मौतें, कफ सिरफ से प्रदेश में हुई मासूम बच्चों की मौत, किसानों के लिए MSP मक्का, सोयाबीन आदि, जनता पर स्मार्ट मीटर थोपना, दलित-आदिवासियों पर बढ़ते अत्याचार, ओबीसी आरक्षण सहित युवाओं के रोजगार जैसे जनहित के मुद्दों पर विधायकों द्वारा चर्चा की गई। ऐसे अनेक मुद्दों को विधानसभा में मजबूती से उठाने को लेकर भी रणनीति बनाई गई।
बैठक में विधायकों द्वारा कम अविधि के सत्र को लेकर भी विरोध जताया गया। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है, घोटालों की फेहरिस्त बढ़ती जा रही है लेकिन भाजपा सरकार इन पर कार्यवाही करने की बजाय विपक्ष की आवाज दबाने और जनहित के मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश में लगी है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार सत्र की अवधि कम करके जनता के मुद्दे और उनके सवालों से भाग रही है। नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी का हर एक विधायक पूरी निडरता और मजबूती के साथ जनता की आवाज सदन में उठाएगा।
बैठक में विशेष रूप से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी जी, उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे, मुख्य सचेतक सोहन वाल्मीकि, वरिष्ठ विधायक डॉक्टर राजेन्द्र कुमार सिंह, बाला बच्चन जी, फूलसिंह बरैया, भवरसिंह शेखावत, आरिफ मसूद, चंदा गौर सहित कांग्रेस पार्टी के अन्य विधायक मौजूद रहे।



