मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को मंत्रालय में ताइवान व्यापार विकास परिषद और ताइवान आर्थिक एवं सांस्कृतिक केंद्र के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की।
बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ताइवान की उन्नत तकनीक और मध्य प्रदेश के संसाधन मिलकर औद्योगिक क्षेत्र में नई ऊंचाइयां स्थापित करेंगे।
उन्होंने बताया कि सेमीकंडक्टर, पीसीबी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग से प्रदेश वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी उद्योग विकसित कर सकेगा।
सरकार ताइवानी निवेश को आकर्षित करने के लिए नीतिगत सहयोग, सुविधाएं और प्लग-एंड-प्ले अवसंरचना उपलब्ध कराएगी।
बैठक में प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन राघवेन्द्र कुमार सिंह, ताइवान विकास परिषद के डायरेक्टर जनरल चुन यू चांग, सेकंड सेक्रेटरी जिह शेंग वांग, निदेशक विक लिन और विशेषज्ञ कीर्तन नांबियार शामिल रहे। डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप मध्य प्रदेश ताइवान के साथ एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में आगे बढ़ रहा है।
वर्तमान में मध्य प्रदेश से ताइवान को इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी, फार्मास्युटिकल्स, रसायन और खाद्य उत्पाद निर्यात होते हैं, जबकि ताइवान से इलेक्ट्रॉनिक पुर्जे, मशीनरी और सेमीकंडक्टर आयात किए जाते हैं।
औद्योगिक सहयोग के साथ शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर भी जोर दिया जा रहा है। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर ने ताइवान के विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू किए हैं, जिससे अनुसंधान और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश अपनी भौगोलिक स्थिति, संसाधनों और उद्योग सहयोगी नीतियों के कारण ताइवानी निवेशकों के लिए आदर्श गंतव्य है। ताइवान प्रतिनिधि मंडल ने ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट और रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में सक्रिय भागीदारी की है। दोनों पक्ष निवेश बढ़ाने के लिए एक स्पष्ट रोडमैप तैयार करने पर सहमत हुए हैं।