पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद लालू यादव परिवार की कलह खुलकर सामने आ गई है। लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने राजनीति से संन्यास का ऐलान करने के बाद परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। यहीं नहीं उनके आरोपों ने बिहार की सियासत में भूचाल ला दिया है। सत्ता पक्ष के निशाने पर हैं तेजस्वी यादव। सोमवार को जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने आरोप लगाया है कि बीमारी की अवस्था में तेजस्वी यादव अपने पिता को मानसिक पीड़ा दे रहे हैं।
जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने रोहिणी आचार्य के विषय पर कहा, यह राष्ट्रीय जनता दल परिवार का अंदरूनी मामला है। लेकिन, महत्वपूर्ण बात यह है कि रोहिणी आचार्य सिर्फ राजद परिवार की बेटी नहीं हैं, बल्कि बिहार की बेटी हैं। परिवार का अंदरूनी कलह अब सार्वजनिक हो गया है।
क्या लालू की भूमिका को किया गया सीमिति
उन्होंने कहा कि लालू और राबड़ी देवी ने रोहिणी का कन्यादान किया। उस समय भी आंख से आंसू निकले होंगे। अभी भी रोहिणी आचार्य ने कहा कि माता-पिता की आंख से आंसू निकले। नीरज कुमार बोले, जिसने पिता की प्राण रक्षा की हो, अपने भाई की कलाई में रक्षा सूत्र बांधा हो, उस बहन-बेटी के मन में पीड़ा हो जाए तो क्या मानें कि लालू यादव को राजनीतिक तौर पर नजरबंद कर दिया गया है? क्या लालू प्रसाद यादव की भूमिका को सीमित किया गया है?
रोहिणी के साथ हुआ सरासर गलत
रोहिणी आचार्य के एक वीडियो का जिक्र करते हुए जदयू प्रवक्ता ने कहा, कुछ लोग रोहिणी आचार्य के पैर छू रहे थे। वे वही लोग होंगे, जो उनके सहकर्मी और कर्मी होंगे। इसका मतलब है कि उनके मन में भी पीड़ा होगी कि रोहिणी आचार्य के साथ सरासर गलत हुआ है। अब लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी लाचार हैं। यह हमारे लिए चिंता का विषय है।
आंखे खोलकर देखना चाहिए तेजस्वी को
राजद नेता तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए नीरज कुमार ने कहा, तेजस्वी को अपनी आंखें खोलकर देखना चाहिए कि उनके साथ कौन लोग हैं। ये लोग बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हैं, लेकिन हत्याओं में शामिल और तमाम केसों में जेल जाने वाले लोग आपके प्रेरणास्त्रोत हो गए। इसी की सजा जनता ने दी है।
रोहिणी ने परिवार पर लगाए हैं यह आरोप
बता दें कि रोहिणी आचार्य ने अपने परिवार के सदस्यों पर गाली देने और चप्पल दिखाने के आरोप लगाए। लालू प्रसाद यादव को किडनी देने वाली रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि भूल कर भी अपने भगवान रूपी पिता को नहीं बचाएं।



