मेलबर्न। इन दिनों भारत और आस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तहत 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जा रही है। सीरीज का चौथा मैच मेलबर्न के ग्राउंड में खेला गया। जहां भारत को आस्ट्रेलिया के हाथों 184 रनों की करारी हारी झेलनी पड़ी। इस जीत के साथ ही कंगारू टीम सीरीज में 2.1 से आगे हो गई है। बता दें कि टीम इंडिया मेलबर्न के मैदान में 13 साल टेस्ट मैच हारी है। इस हार के बाद कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली के संन्यास की अटकलें तेज हो गई हैं। इसी बड़ी वजह है कि चौथे टेस्ट की दूसरी पारी में दोनों शीर्ष बल्लेबाजों का निराशाजनक प्रदर्शन रहा।
रोहित ने जहां कप्तान रोहित शर्मा जहां सिर्फ 9 रन बनाकर आउट हो गए वहीं, विराट कोहली भी मात्र 5 रन बनाकर ही पवेलियन लौट गए। मेलबर्न के मैदान में मिली 184 रनों की हार से पूर्व भारतीय बल्लेबाज सुनील गावस्कर भड़क गए हैं। यही नहीं, उन्होंने सीनियर बल्लेबाजों की जमकर आलोचना भी की है। साथ ही अनुभवी खिलाड़ियों के खराब प्रदर्शन पर सवाल खड़े किए हैं। इस दौरान उन्होंने रोहित और कोहली के संन्यास पर बड़ा बयान दिया है। बातचीत के दौरान गावस्कर ने कहा कि वो इस सीरीज के बाद रोहित को टेस्ट क्रिकेट में नहीं देख रहे हैं। उनसे जब सवाल किया गया कि सिडनी टेस्ट रोहित का आखिरी हो सकता है? इस पर गावस्कर ने कहा, अगर रन नहीं बने तो जरूर हो सकता है। क्योंकि इस हार के साथ वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में पहुंचने के चांस बहुत कम हो गए हैं।
मुश्किल समय में विराट ने नहीं बनाए रन
वहीं पूर्व क्रिकेटर ने विराट कोहली को लेकर कहा कि सीरीज में कोहली की एक सेंचुरी जरूर है, लेकिन उस मैच में जब तक उनकी बल्लेबाजी आई, तब भारतीय परिस्थिति काफी मजबूत थी।’ उन्होंने कहा, ‘मगर उसके बाद जब अलग कंडीशन (मुश्किल) थी एडिलेड में, ब्रिस्बेन में, वहां जो रन बनने चाहिए थे वो नहीं बने। वो हमारे काफी अनुभवी प्लेयर हैं, उन पर काफी निर्भर होता है और वो उनसे नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि ‘यशस्वी जायसवाल भी एडिलेड और ब्रिस्बेन में जल्दी आउट हुए थे. इस कारण भी बाकी बल्लेबाजों पर काफी दबाव था, जिसे वो झेल नहीं सके।
‘पंत के शॉट का चयन ठीक नहीं था’
इस दौरान गावस्कर ने यशस्वी जायसवाल की सराहना की लेकिन वह पंत के गलत शॉट के चयन पर नाराज दिखे। गावस्कर ने कहा, ऋषभ पंत और यशस्वी जायसवाल ने लंच के बाद के सत्र में जिस तरह से बल्लेबाजी की उससे निश्चित तौर पर लग रहा था कि भारत इस मैच को ड्रॉ कर सकता है। आप जानते हैं कि क्रिकेट में इस शॉट को सिक्सर कहा जाता है जो किसी ड्रग की लत की तरह है। एक बार जब आप कुछ छक्के मार देते हैं, तो आप सोचते हैं कि वास्तव में यह सही तरीका है। जब आप गेंद को स्टैंड में पहुंचाते हैं तो एक बल्लेबाज के लिए इससे बेहतर कोई एहसास नहीं है। सिक्सर एक अलग तरह का एहसास है और यह एक ड्रग है जो आपके सिस्टम में चला जाता है। उस समय छक्का लगाने की कोई जरूरत नहीं थी। इससे हम मैच नहीं जीतने वाले थे। अगर उस समय जमीन से चिपकता शॉट खेला जाता तो हमें चार रन मिलते। इससे आॅस्ट्रेलिया के लिए जीत के दरवाजे खुल गए।