20.1 C
Bhopal

सीहोर के वीआईटी कॉलेज में घटिया खाना-पानी से छात्र बीमार, उग्र आंदोलन में बदला विरोध

प्रमुख खबरे

मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के आष्टा स्थित वीआईटी कॉलेज में मंगलवार रात छात्रों का गुस्सा ज्वालामुखी बनकर फूटा। भोजन और पानी की घटिया गुणवत्ता से बीमारियों का प्रकोप बढ़ने पर 3–4 हजार छात्रों ने एकत्र होकर कॉलेज परिसर को रणभूमि में बदल दिया।

विरोध इतना उग्र हुआ कि कॉलेज की बस, दो चारपहिया वाहन और एंबुलेंस को आग लगा दी गई, साथ ही हॉस्टल की खिड़कियों के शीशे, आरओ प्लांट और कई अन्य हिस्सों में भी भारी तोड़फोड़ की गई।छात्रों का आरोप है कि खराब खाना–पानी से कई छात्र गंभीर रूप से बीमार हुए और कुछ की मौत भी हुई।

छात्रों का चौंकाने वाला आरोप है कि कॉलेज में परोसा जा रहा खराब भोजन और दूषित पानी पीलिया और अन्य बीमारियों की असली वजह है। दावा है कि कई छात्र गंभीर रूप से बीमार पड़े और कुछ की जान भी चली गई। लगभग 100 छात्र अलग-अलग अस्पतालों आष्टा, सीहोर और भोपाल में भर्ती कराए गए हैं। छात्रों के अनुसार शिकायत करने पर प्रबंधन ने कोई कार्रवाई नहीं की, उल्टा मामले को दबाने की कोशिश की।

हॉस्टल में लगातार बिगड़ रही व्यवस्था पर छात्रों ने जब शांतिपूर्ण विरोध किया, तो कहानी और काली हो गई। छात्रों का कहना है कि हॉस्टल वार्डन और गार्ड्स ने प्रोटेस्ट रोकने के लिए उनसे मारपीट की और धमकाया। यूनिवर्सिटी प्रशासन के पास जाने पर भी कोई ठोस जवाब नहीं मिला। इसी से छात्रों का गुस्सा नियंत्रण से बाहर हो गया और माहौल हिंसक हो गया।

बगैर किसी योजना के छात्र स्वतः संगठन की तरह इकट्ठा होते गए और देखते-देखते लगभग चार हजार छात्र विरोध स्थल पर पहुंच गए। गुस्से और आक्रोश में जलती भावनाओं ने पूरा परिसर दहला दिया। बस और एंबुलेंस को आग के हवाले कर दिया गया। गाड़ियों के शीशे तोड़े गए। हॉस्टल और कैंपस के कई हिस्सों को बुरी तरह नुकसान पहुंचा। रात भर घंटों तक परिसर दहलता रहा और धुएं ने आसमान को घेर लिया।

आष्टा एसडीओपी आकाश अमलकर के अनुसार, घटना के दौरान कुछ वीडियो मिले हैं, जिसमें कुछ वार्डन/ गार्ड छात्रों के साथ मारपीट करते दिख रहे हैं। मामले में प्रशांत कुमार पांडे एवं अन्य के खिलाफ बलवा, आगजनी, तोड़फोड़ एवं अन्य धाराओं में केस दर्ज किए गए।

हंगामे के बाद देर रात वीआईटी प्रबंधन ने अचानक सभी छात्रों को मेल भेजा कि “कैंपस तुरंत खाली करें, कॉलेज 30 नवंबर तक बंद रहेगा।” इसके कुछ समय बाद एक और मेल आया कि छुट्टी बढ़ाकर 8 दिसंबर तक कर दी गई है।

गौरतलब है कि वीआईटी में करीब 16 हजार छात्र पढ़ते हैं, जिनमें से 10 हजार से ज्यादा छात्र और 2 हजार छात्राएं आठ हॉस्टलों में रहते हैं। मेल मिलते ही छात्रों का घर लौटना शुरू हो गया।

कैंपस खाली होते ही छात्रों को हाईवे तक जाने के लिए वाहन नहीं मिले। हजारों छात्र अपने बैग लेकर पैदल 1 किलोमीटर दूर हाईवे तक पहुंचे। भीड़ देखकर टेंपो चालकों ने 1 किलोमीटर का किराया 100 रुपए तक वसूलना शुरू कर दिया। इंदौर और भोपाल की ओर जाने वाली बसों तथा टैक्सियों ने भी 700 से 900 रुपए तक की मांग की।

वीआईटी के रजिस्ट्रार केके नायर ने कहा कि 26 नवंबर तक कुल 33 छात्र-छात्राओं में पीलिया के लक्षण मिले हैं। इन सभी ने परामर्श के बाद घर लौटने का निर्णय लिया है। दो दिन में मामलों में कमी आई है। जिला चिकित्सा अधिकारी, CHMO, एंटोमोलॉजी टीम, BMO और SDM के निरीक्षण में परिसर की स्वच्छता, भोजन और पेयजल व्यवस्था संतोषजनक पाई गई है।

जैसे ही घटना की सूचना प्रशासन तक पहुंची, आष्टा SDM नितिन टाले, SDOP आकाश अमलकर सहित आष्टा, जावर, पार्वती, कोतवाली और मंडी थाना क्षेत्रों से भारी पुलिस बल तत्काल कॉलेज पहुंचा। पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए लगातार बातचीत और समझाइश का सहारा लिया। प्रशासन ने हालात शांत करने के लिए पूरी रात कैंपस में डेरा डाले रखा। वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है और परिसर में पर्याप्त पुलिस बल तैनात है।

आष्टा SDM ने छात्रों को आश्वासन देते हुए कहा कि भोजन और पानी की सैंपलिंग कराई जाएगी और बीमार छात्रों की संख्या सहित पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। एसडीओपी ने बताया कि प्रशासन ने हॉस्टल-प्रबंधन से भी जवाब तलब किया है और छात्रों की शिकायतों को गंभीरता से लिया जाएगा। किसी भी छात्र पर दबाव या धमकाने जैसी घटना दोहराई गई तो कड़ी कार्रवाई होगी।

एसपी दीपक शुक्ला ने बताया कि स्थिति अब सामान्य है और वीआईटी कॉलेज में 30 नवंबर तक अवकाश घोषित किया गया है। कई छात्र घर लौट रहे हैं। आज कॉलेज प्रबंधन और छात्रों के प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रशासन की संयुक्त बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें भोजन-पानी की गुणवत्ता, हॉस्टल व्यवस्थाओं और अस्पताल में भर्ती छात्रों से संबंधित पूरी रिपोर्ट पर चर्चा की जाएगी।

क्या बोले जिम्मेदार

VIT कॉलेज के रजिस्ट्रार के. के. नायर ने स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया एवं कुछ माध्यमों पर जॉन्डिस (पीलिया) एवं खराब पानी के कारण मृत्यु जैसी जो अफवाहें फैलाई गईं, वे पूरी तरह असत्य एवं भ्रामक हैं।

 

- Advertisement -spot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

ताज़ा खबरे