मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गुरुवार को इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित ‘मध्यप्रदेश टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0’ में शामिल हुए। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित इस कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य प्रदेश को तकनीक, नवाचार और निवेश का एक वैश्विक केंद्र बनाना है।
टियर-2 भारत की तकनीकी क्रांति का नेतृत्व करेगा मप्र
यह आयोजन राज्य की तकनीकी और औद्योगिक प्रगति के अगले चरण की रूपरेखा तय करने के लिए किया जा रहा है। इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि मध्यप्रदेश, टियर-2 भारत (छोटे शहरों) की तकनीकी क्रांति का नेतृत्व कर सके और विकास की नई इबारत लिखे। कॉन्क्लेव के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उद्योग जगत के कई प्रमुख प्रतिनिधियों से आमने-सामने (वन-टू-वन) बैठक की। इस बैठक में प्रदेश में निवेश और सहयोग के नए अवसरों पर विस्तार से चर्चा की गई।
15,896 करोड़ का निवेश आया, 64 हजार रोजगार मिलेंगे
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि फरवरी में जीआईएस 2025 के दौरान टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव के माध्यम से टेक्नोलॉजी सेक्टर में 99 निवेश प्रस्ताव मिले थे। जिसके माध्यम से एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 1 में 34 हजार करोड़ के निवेश और 2 लाख रोजगार की बात कही गई थी। बीते 8 महीने में राज्य सरकार ने हर नीति को नतीजे में बदला है। आज 6 हजार करोड़ का निवेश और 50 हजार रोजगार ग्राउंड पर आ चुके हैं। 27 प्रोजेक्ट जमीन पर उतरे हैं। इनमें शामिल 8 प्रोजेक्ट साइट विजिट की स्थिति में हैं। एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2 में आज तकनीकी क्षेत्र में निवेश आधारित 65 गतिविधियां हुई हैं। इसके माध्यम से 15,896 करोड़ का निवेश और 64 हजार रोजगार के अवसर सृजित होंगे। आज 22 नई तकनीक और औद्योगिक ईकाइयों का उद्घाटन हुआ है। कुल 257 करोड़ का निवेश और 2125 लोगों को रोजगार मिलने वाला है। आज 4 नई परियोजनाओं का भूमि-पूजन किया गया है, जिसमें 1346 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है। लगभग 21,150 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। 8 से अधिक निवेशकों के साथ वन-टू-वन बैठक हुई है।
भोपाल में 2000 एकड़ में नॉलेज सिटी विकसित की जाएगी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि सिलिकॉन बेफर मैन्यूफ्रैक्चरिंग, आईटी पार्क विकास एवं शोध परियोजनाओं के लिए 7 एमओयू का आदान-प्रदान हुआ है। इनसे प्रदेश में 800 करोड़ का निवेश आएगा और लगभग 10 हजार 500 लोगों को रोजगार मिलेगा। साइबर सिक्योरिटी और आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) पर कार्य करने के लिए राज्य सरकार और भारतीय सेना के बीच एमओयू साइन किया गया है। यह एक बड़ी उपलब्धि है। मध्य प्रदेश स्पेस ड्रोन टेक्नोलॉजी 2025 का ड्राफ्ट लॉन्च हुआ है। मध्यप्रदेश स्पेस टेक्नोलॉजी में लंबी उड़ान भरने जा रहा है, शीघ्र ही स्पेस पॉलिसी लॉन्च होगी। स्पेस सेक्टर के लिए भोपाल में 2000 एकड़ क्षेत्र में नॉलेज सिटी विकसित की जाएगी। यह आधुनिक सिटी, साइबर सिटी की तर्ज पर बनेगी। यहां विश्वस्तरीय संस्थान, अनुसंधान और स्टार्टअप एक साथ आएंगे, जिससे मध्य प्रदेश भारत में कृतिम बुद्धिमत्ता (एआई) का हब बन जाएगा। इसके साथ ही 45 एकड़ क्षेत्र में साइंस सिटी विकसित करने के लिए भूमि आवंटित करने जा रहे हैं। यहां आधुनिक विज्ञान, अनुसंधान और नवाचारों के लिए सुविधाएं विकसित की जाएंगी। विद्यार्थियों के लिए यह ज्ञान और विज्ञान का अद्भुत केंद्र बनेगी। ड्रोन डेटा स्टैंडर्ड के लिए ड्रोन डेटा रेपॉजेटरी की लॉन्चिंग अहम है। यह देश में पहली बार हो रहा है।
मुख्यमंत्री बोले उज्जैन अब इंदौर मेट्रोपॉलिटन का शहर
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने टेक्नोलॉजी आधारित विकास की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सेना के साथ एमओयू किया है। उन्होंने कहा, बाबा महाकाल और खजराना गणेश की कृपा से यह कॉन्क्लेव सफल हो रहा है। इंदौर अब बैंगलुरु जैसी बड़ी सिटी की तरह अपने पंख फैलाकर आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में सिर्फ इंदौर ही नहीं, बल्कि जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर और भोपाल जैसे शहर भी तेजी से विकास की ओर अग्रसर हैं। सीएम यादव ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में नई टेक्नोलॉजी के माध्यम से दुश्मन का सामना कर जब भारत ने सफलता हासिल की, तो पूरी दुनिया भौचक्की रह गई। मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि अब उज्जैन, उज्जैन नहीं, बल्कि इंदौर मेट्रोपॉलिटन का शहर है। उज्जैन, इंदौर, देवास और धार को लेकर जो मेट्रोपॉलिटन प्लान तैयार किया गया है, उसमें फिनटेक टेक्नोलॉजी और साइंस सिटी बनाने की योजना शामिल है। उन्होंने बताया कि स्पेस टेक्नोलॉजी रिसर्च के लिए राजा जयसिंह के समय की प्राचीन ऑब्जर्वेटरी और वर्तमान के विज्ञान का समायोजन कर काम किया जाएगा, क्योंकि यह क्षेत्र पृथ्वी के मध्य बिंदु पर आता है। इस दिशा में सरकार ने गंभीरता से काम करने का संकल्प लिया है। सीएम यादव ने बताया कि इस आयोजन में कुल 65 गतिविधियां हुई हैं, जिनसे प्रदेश में 15,896 करोड़ रुपए का निवेश आया है और 64 हजार रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
‘मप्र अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी नीति 2025’ का मसौदा पेश
इस प्रतिष्ठित आयोजन में ‘मध्यप्रदेश अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी नीति 2025’ (MP Space Tech Policy 2025) का मसौदा भी प्रस्तुत किया गया। इस नीति का एक बड़ा उद्देश्य उज्जैन को भारत के उभरते अंतरिक्ष नवाचार केंद्र (Space Innovation Hub) के रूप में स्थापित करना है। यह कदम उज्जैन की सदियों पुरानी खगोलीय विरासत को आधुनिक अंतरिक्ष अनुप्रयोगों (Modern Space Applications) से जोड़ेगा। यह मसौदा IN-SPACE के तहत राष्ट्रीय अंतरिक्ष सुधारों के अनुरूप तैयार किया गया है, जो उपग्रह डिजाइन (Satellite Design) और प्रक्षेपण सेवाओं (Launch Services) में निजी क्षेत्र की भागीदारी को भी प्रोत्साहित करेगा।



