ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाली दूसरी महिला अधिकारी विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर सपा के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सदस्य प्रो. रामगोपाल यादव ने जातिसूचक टिप्पणी की।
उन्होंने व्योमिका सिंह को हरियाणा का जाटव, कर्नल कुरैशी को मुस्लिम और ऑपरेशन सिंदूर में शामिल एयर मार्शल एके भारती को पूर्णिया का यादव बताते हुए कहा कि पूरा युद्ध पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के अधिकारियों ने लड़ा। भाजपा किस आधार पर इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रही है।
दरअसल रामगोपाल यादव ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने वाले भारतीय सैन्य अधिकारियों के जरिए अपनी पार्टी की राजनीति को आगे बढ़ाने की कोशिश में जुटे थे। लेकिन लोग रामगोपाल यादव के इस बयान को लेकर इस कारण आलोचना कर रहे हैं कि सैन्य अधिकारियों की जाति बताने की जरूरत क्या थी?
रामगोपाल यादव की टिप्पणी पर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया सामने आई है. योगी आदित्यनाथ ने लिखा- सेना की वर्दी ‘जातिवादी चश्मे’ से नहीं देखी जाती है. भारतीय सेना का प्रत्येक सैनिक ‘राष्ट्रधर्म’ निभाता है, न कि किसी जाति या मजहब का प्रतिनिधि होता है.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव द्वारा एक वीरांगना बेटी को जाति की परिधि में बांधना न केवल उनकी पार्टी की संकुचित सोच का प्रदर्शन है, बल्कि सेना के शौर्य और देश की अस्मिता का भी घोर अपमान है। यह वही मानसिकता है, जो तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति में राष्ट्रभक्ति तक को बांटने का दुस्साहस करती है। इस विकृत जातिवादी सोच को जनता फिर जवाब देगी।
इससे पहले मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर एक विवादित टिप्पणी की. जिस कारण उनकी खूब आलोचना हुई। हाईकोर्ट ने तत्काल उनपर एफआईआर करने का आदेश तक दिया। हालांकि विवाद बढ़ता देख विजय शाह ने मांफी मांग ली थी. लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।