25.3 C
Bhopal

स्मार्ट मीटर बने मुसीबत, बिना आवेदन सहमति के हो रहे प्रीपेड

प्रमुख खबरे

उपभोक्ताओं की बिल संबंधी समस्या के निदान और अन्य सहूलियतों के लिए बिजली विभाग की ओर से स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। ये मीटर सुविधा के बजाय संकट का कारण बन गए हैं।

उपभोक्ताओं के पास अचानक बैलेंस समाप्त होने का संदेश आ रहा, जिससे उन्हें जोर का झटका लगता है।

बिना आवेदन या सहमति के मीटर प्रीपेड कैसे हो जा रहे, इसको लेकर उपभोक्ता परेशान हैं। विभागीय अधिकारी गोलमोल जवाब दे रहे हैं।

जिले में अब तक 27725 स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, इनमें 10775 प्रीपेड हो चुके हैं। प्रीपेड हुए मीटरों वालों उपभोक्ताओं के यहां बकाया माइनेस में दिखाकर कनेक्शन काटने का संदेश आ रहा है।

ग्राहकों का कहना है कि मीटर की रीडिंग तेज चल रही है, जिससे कई गुणा अधिक बिल आ रहा है। ऐसे पीड़ित उपभोक्ता बिजली उपकेंद्रों का चक्कर काट रहे हैं। प्रस्तुत है यह रिपोर्ट…

केस एक: निजामपट्टी निवासी पूनम पटवा ने एक किलोवाट का कनेक्शन लिया है। बीते मार्च में उनके यहां स्मार्ट मीटर लगाया गया। तीन माह तक बिल नहीं आया। जून में 47 हजार का बिल आया। लोड के हिसाब से कई गुणा अधिक बिल आने से वह परेशान हैं।

बीते दिनों उनके कनेक्शन नंबर 9615823582 पर बैलेंस समाप्त और माइनस 770.3 होने पर विच्छेदन से बचें, तुरंत रिचार्ज कराने का संदेश आया, तो वे चौंक गईं। ऐसा तब है जबकि प्रीपेड के लिए कोई सहमति या आवेदन नहीं लिया गया।

  1. केस दो: जेल रोड निवासी हरिश्चंद्र श्रीवास्तव का एक किलोवाट का कनेक्शन है। बताया कि फरवरी में उनके यहां स्मार्ट मीटर लगाया गया था। पहले की अपेक्षा इस मीटर से बिल काफी अधिक आ रहा है। कुछ दिनों पहले उनके कनेक्शन संख्या 5120672000 पर बैलेंस समाप्त और रिचार्ज करने संबंधी संदेश आया। तब से परेशान हैं।
  2. केस तीन: चुनहा निवासी चंदा देवी ने भी एक किलोवाट का ही कनेक्शन लिया है। इनके भी मोबाइल पर बैलेंस समाप्त माइनस 1828.27 का संदेश आया है। उनके बेटे भोले ने बताया कि इससे अच्छा पहले वाला ही मीटर था। बिल सही कराने के लिए दौड़ रहा हूं। कहीं सुनवाई नहीं हो रही है।

अधिशासी अभियंता विद्युत परीक्षण खंड आरएस वर्मा ने बताया कि घरों और प्रतिष्ठानों में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर पावर कारपोरेशन से संचालित किए जा रहे हैं।

वहीं से प्रीपेड किए जा रहे हैं। यहां से मीटरों की निगरानी की जाती है। उन्होंने बताया कि ज्यादा बिल आने की शिकायत आने पर चेक मीटर लगाकर जांच की जाती है।

- Advertisement -spot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

ताज़ा खबरे