नागपुर। इन दिनों महाराष्ट्र में मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को लेकर सियासत गरमाई हुई है। पक्ष और विपक्ष दोनों ही एक-दूसरे पर हमलावर है। इसी कड़ी में शिवसेना यूबीटी ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए भाजपा और मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस पर हमला बोला है। लेख में यह भी दावा किया गया है कि शिवसेना (यूबीटी) ने दावा किया कि सत्तारूढ़ भाजपा मु्गल बादशाह औरंगजेब को छत्रपति शिवाजी महाराज से ज्यादा महत्वपूर्ण मानती है। भाजपा के पेट में नया शिवाजी पल रहा है। इसी वजह से वे छत्रपति शिवाजी के इतिहास को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।
सामना ने लिखा कि लोकसभा में भाजपा के ओडिशा के बारगढ़ से सांसद प्रदीप पुरोहित ने कहा था, हमारे शिवाजी मोदी हैं। मोदी पिछले जन्म में छत्रपति शिवाजी थे। तो अब भाजपा ने नए शिवाजी को जन्म दिया है और इसके लिए मूल शिवाजी को खत्म करने की उनकी योजना है। फिर छत्रपति शिवाजी महाराज को खत्म करना है तो पहले औरंगजेब की कब्र को ध्वस्त करना होगा। मतलब इतिहास अपने आप नष्ट हो जाएगा।
नए हिन्दूवादी औरंगजेब की कब्र को लेकर बढ़ा रहे गर्मी
शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा गया कि कि छावा फिल्म के बाद आरएसएस, बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और भाजपा के नए हिंदूवादी औरंगजेब की कब्र को लेकर गर्मी बढ़ा रहे हैं और महाराष्ट्र में माहौल खराब कर रहे हैं। शिवसेना यूबीटी ने लेख में यह भी आरोप लगाया कि अब साफ है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शिवाजी महाराज की तुलना में औरंगजेब को अधिक महत्व देते हैं क्योंकि उनकी नीति सभी को साथ लेकर चलने की है। लेकिन यह नीति भाजपा को पहले कभी स्वीकार्य नहीं थी और अब भी नहीं है।
नागपुर में कभी नहीं हुए दंगे
सामना ने लिखा कि नागपुर का 300 साल पुराना इतिहास है और वहां कभी दंगे नहीं हुए, लेकिन अब शहर को हिंसा की आग में झोंक दिया गया है। सामना ने पूछा है कि जब फडणवीस खुद होम मिनिस्ट्री संभाल रहे हैं, तो फिर दंगाइयों को शहर में घुसने और आगजनी करने की परमिशन कैसे मिली? देवेंद्र फडणवीस सिर्फ भाषण देने में व्यस्त हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे। अगर दंगाई बाहरी थे, तो गृह विभाग और सुरक्षा एजेंसियां क्या कर रही थीं?
मोदी- भागवत को खुद औरंगजेब की कब्र को खोदना चाहिए
शिसवसेना ने सामना में लिखा कि केंद्र में मोदी और महाराष्ट्र में फडणवीस हैं। दोनों भाजपा के। इसलिए खुद मोदी, फडणवीस, मोहन भागवत, एकनाथ शिंदे और अजीत पवार इन पांच लोगों को सरकारी आदेश के तहत औरंगजेब की कब्र को खोदना चाहिए। इससे महाराष्ट्र में दंगे रुकेंगे और उन्मादियों के दिमाग शांत होंगे।