23.7 C
Bhopal

धारा 49 के कारण मप्र छग के पेंशनर्स में आक्रोश

प्रमुख खबरे

मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के पेंशनरों को राज्य विभाजन के 25 वर्ष बाद भी धारा 49 (Section 49) के कारण आर्थिक नुकसान और दोयम दर्जे का व्यवहार झेलना पड़ रहा है।

मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ संयुक्त राज्य पेंशनर्स फेडरेशन के मीडिया प्रभारी नरेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि इस अन्याय के खिलाफ पेंशनर लामबंद हो रहे हैं। इसके लिए 10 जुलाई 2025 को जबलपुर में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें आंदोलन की रणनीति और कार्ययोजना तैयार होगी।

एमपी सीजी संयुक्त पेंशनर फेडरेशन का गठन

नरेंद्र सिंह ठाकुर के अनुसार, वर्ष 2000 में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के विभाजन के बाद से पेंशनरों को उनके हक और आर्थिक लाभों से वंचित किया जा रहा है। छठवीं अनुसूची की धारा 49 (Section 49) के तहत दोनों राज्यों की सरकारें आपसी सहमति के नाम पर पेंशनरों के हितों की अनदेखी कर रही हैं, जिससे पेंशनरों में जबर्दस्त आक्रोश है। इस उपेक्षा के खिलाफ मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ संयुक्त पेंशनर फेडरेशन का गठन किया गया है, जो पेंशनरों की समस्याओं के समाधान के लिए एकजुट होकर प्रयास कर रहा है।

ठाकुर ने बताया कि जबलपुर में होने वाली बैठक में छत्तीसगढ़ से प्रांत अध्यक्ष चेतन भारती, डीपी मनहर, यशवंत दीवान, आरपी शर्मा, अनंत सिन्हा, पीआर यादव सहित कई प्रतिनिधि शामिल होंगे। मध्यप्रदेश से वरिष्ठ नागरिक पेंशनर एसोसिएशन के पदाधिकारी रामनरेश तिवारी, वीरेंद्र शर्मा, राधेश्याम पाटीदार, अशोक भार्गव, डॉ. परमानंद तिवारी, राम नरेश त्रिपाठी, एचपी गोस्वामी, एसके दीक्षित, अशोक रमावत, भागचंद संर्वांडिया, संरक्षक डीबी नायर, मीडिया प्रभारी शिवाजी राव भोसले, जयेंद्र बैरागी, रवि नंदन मिश्र, आरपी गर्ग, अशोक दंडोतिया, डॉ. प्रताप शंकर भार्गव, केएस ठाकुर, एसके तिवारी, आरपी सेन, एनके मिश्रा आदि हिस्सा लेंगे।

नरेंद्र सिंह ठाकुर ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने पेंशनरों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो यह आक्रोश जल्द ही एक बड़े आंदोलन में बदल सकता है। पेंशनर फेडरेशन इस मुद्दे को लेकर दोनों राज्यों की सरकारों पर दबाव बनाने के लिए तैयार है।

- Advertisement -spot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

ताज़ा खबरे