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रतलाम डीजल प्रकरण :खाद्य मंत्री ने प्रदेश भर के पेट्रोल पंपों की जांच के दिए निर्देश

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खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने प्रदेश के सभी पेट्रोल पंप की गहन जाँच कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने रतलाम में हुई घटना पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि उपभोक्ताओं को हर हाल में गुणवत्तायुक्त पेट्रोल एवं डीजल उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। श्री राजपूत ने वरिष्ठ अधिकारियों को ऑयल कंपनियों के साथ बैठक कर जरूरी कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

उल्लेखनीय है कि रतलाम में कई वाहनों में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के पेट्रोल पंप शक्ति फ्यूल पॉइंट डोसीगाँव से डीजल भरवाया गया था। डीजल में पानी होने से वाहन बंद होने की घटना प्रकाश में आई है। खाद्य विभाग जिला रतलाम के अधिकारियों द्वारा पंप की तत्काल ही जांच की गई। जाँच में पेट्रोल एवं डीजल के सेम्पल लिए जाकर बीपीसीएल लेब मांगलिया इंदौर भेजे गए हैं। इस प्रकरण में मोटर स्पिरिट और उच्च व्यय डीजल (प्रदाय तथा वितरण का विनियम और अनाचार निवारण) आदेश 2005 के प्रावधानों के तहत दोषी पंप संचालक के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 377 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है। पंप पर उपलब्ध पेट्रोल 5995 ली. एवं डीजल 10657 लीटर जप्त कर पम्प को सील किया गया है।

अपर मुख्य सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण रश्मि अरूण शमी ने इस घटना के परिपेक्ष्य में 27 जून को ही इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड एवं हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों की गत दिवस बैठक ली। उन्होंने घटना के संबंध में तत्काल विस्तृत जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश बीपीसीएल को दिए। वर्तमान में वर्षा के मौसम को देखते हुए ऑयल कंपनियों को प्रदेश के समस्त पेट्रोल पम्पों का निर्धारित चेकलिस्ट अनुसार निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए।

श्रीमती शमी ने कहा कि निरीक्षण में यह आवश्यक रूप से देखा जाएगा कि पेट्रोल पम्पों के भूमिगत टैंकों में पानी का रिसाव तो नहीं हो रहा है। यदि ऐसा पाया जाता है तो पानी के रिसाव को रोकने संबंधी एवं उपभोक्ताओं को सही गुणवता का डीजल और पेट्रोल प्रदाय करने की समस्त कार्यवाही करें। बैठक में सख्त निर्देश दिए गए हैं कि प्रत्येक पेट्रोल पम्प की जाँच की जाये, जिसमें प्रतिदिन सुबह किए जाने वाला निरीक्षण एवं समय-समय पर किए जाने वाले नियमित निरीक्षणों की जांच रिपोर्ट ऑनलाईन दर्ज की जाए। इस संबंध में जरूरी साफ्टवेयर का निर्माण करने के निर्देश भी दिए गए है।

सभी आयल कंपनी के प्रतिनिधियों ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में उनकी तरफ़ से कोई समस्या नहीं आएगी और पेट्रोल पम्पों की संघन जाँच की जायेगी। पेट्रोल पम्पों पर आवश्यक नागरिक सुविधाओं जैसे निःशुल्क हवा, पेय जल, महिला एवं पुरुष के लिए पृथक-पृथक शौचालय की व्यवस्था करने के निर्देश ऑयल कंपनियों को दिए गए। साथ ही पेट्रोल पम्पों पर उपलब्ध शौचालयों की प्रतिदिन साफ सफाई करने के भी निर्देश भी दिए गए।

श्रीमती शमी ने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए है कि वे अपने क्षेत्र में आने वाले सभी पेट्रोल पंप की खाद्य, राजस्व, नापतौल एवं ऑयल कंपनी के अधिकारियों का दल बनाकर जाँच कराएं। जांच में पेट्रोल पम्पों के भूमिगत टैंकों में किसी प्रकार का जल रिसाव रोकने तथा पेट्रोल पम्प के नोजल से सही गुणवत्ता का डीजल एवं पेट्रोल प्रदाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। किसी भी स्थिति में किसी भी उपभोक्ता को पानी मिश्रित अथवा खराब गुणवत्ता का पेट्रोलियम उत्पाद प्रदाय नहीं किया जाए। इस दौरान खाद्य आयुक्त कर्मवीर शर्मा भी उपस्थित थे।

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