नई दिल्ली। आॅपरेशन सिंदूर के बाद अब उस पर राजनीतिक बयानबाजी जोर पकड़ने लगी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाक को हमले की जानकारी दे दी थी। राहुल गांधी के इस आरोप पर भाजपा ने भी जवाबी हमला बोला है। भाजपा आईटी हेड अमित मालवीय ने तो यहां तक कह दिया है कि राहुल गांधी पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि राहुल यह क्यों नहीं पूछ रहे कि हमने पाकिस्तान के कितने फाइटर जेट मार गिराए। राहुल यह भी बताएं कि उन्होंने ऐसे सफल आॅपरेशन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई क्यों नहीं दी।
उन्होंने कहा, ‘यह आश्चर्य की बात नहीं है कि राहुल गांधी पाकिस्तान और उसके हितैषियों की भाषा बोल रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को आॅपरेशन सिंदूर के लिए बधाई तक नहीं दी। आॅपरेशन स्पष्ट रूप से भारत की ताकत को दशार्ता है। इसके बजाय वे बार-बार पूछते हैं कि हमने कितने जेट खो दिए। एक सवाल जो पहले ही डीजीएमओ ब्रीफिंग में भी उठाया जा चुका है। मजे की बात यह है कि उन्होंने एक बार भी यह नहीं पूछा कि संघर्ष के दौरान कितने पाकिस्तानी जेट मार गिराए गए या भारतीय सेना की ओर से पाकिस्तानी एयरबेस पर बमबारी के दौरान कितने विमान अपने हैंगर में खड़े रहते हुए नष्ट हो गए। राहुल गांधी के लिए आगे क्या है निशान-ए-पाकिस्तान?
राहुल ने लगाया है यह आरोप
बता दें कि गांधी ने आरोप लगाया है कि विदेश मंत्री जयशंकर ने पाकिस्तान खिलाफ हमला करने से पहले ही उसे हमले की जानकारी दे दी थी। उन्होंने कहा कि हमारे हमले से पहले पाकिस्तान को इसकी जानकारी देना एक अपराध था। राहुल गांधी ने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि भारत सरकार ने ऐसा किया। राहुल ने सवाल किया है कि ऐसा करने के लिए किसने अधिकृत किया और इसके कारण हमारी वायुसेना ने कितने विमान खो दिए?
राहुल ने विदेशी मंत्री के इस बयान को बनाया आधार
दिल्ली में होंडुरास दूतावास के उद्घाटन के बाद गुरुवार को पत्रकारों से बात हुए जयशंकर ने कहा था, ‘यह स्पष्ट है कि कौन गोलीबारी बंद करना चाहता था। हमने आतंकवादी ढांचे को नष्ट करके जो लक्ष्य निर्धारित किए थे, उन्हें हासिल कर लिया है। चूंकि प्रमुख लक्ष्य हासिल कर लिए गए थे, इसलिए मुझे लगता है कि हमने उचित रूप से यह रुख अपनाया, क्योंकि आॅपरेशन की शुरूआत में ही हमने पाकिस्तान को यह संदेश भेज दिया था कि हम आतंकवादी ढांचे पर हमला कर रहे हैं, न कि सेना पर और सेना के पास यह विकल्प है कि वह खड़ी रहे और हस्तक्षेप न करे।’