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मप्र में जल्द लागू होंगे पदोन्नति के नियम

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मध्य प्रदेश में लंबे समय से प्रतीक्षित पदोन्नति में आरक्षण से संबंधित नई व्यवस्था अब मूर्तरूप लेने जा रही है। मप्र लोक सेवा पदोन्नति नियम 2025 को एक-दो दिन में अधिसूचित (नोटिफाई) कर दिया जाएगा। इसके साथ ही सामान्य प्रशासन विभाग सभी विभागों में डीपीसी (विभागीय पदोन्नति समिति) की प्रक्रिया शुरू करेगा। जीएडी ने संकेत दिए हैं कि पहली डीपीसी दस दिन के भीतर आयोजित कर दी जाएगी। यह पदोन्नति वर्ष 2025 के पदों के लिए होगी, जबकि वर्ष 2026 के लिए सितंबर में डीपीसी प्रस्तावित है।

नई डीपीसी प्रक्रिया को सशर्त माना जाएगा, क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामलों के अंतिम निर्णय के अधीन होगी। जीएडी का कहना है कि कोर्ट में रिवर्ट के मामलों को लेकर भी सरकार अपना पक्ष रखेगी और कैविएट दाखिल करेगी, ताकि भविष्य में कोई निर्णय बिना पक्ष सुने न हो।

जीएडी के अधिकारियों के अनुसार सबसे पहले सामान्य प्रशासन विभाग अपनी डीपीसी करेगा। इसके बाद अन्य विभागों के अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसमें निम्न बिंदुओं की जानकारी दी जाएगी। पदों की गणना कैसे हो, नये नियमों के पैरा की व्याख्या, वर्गवार आरक्षण व्यवस्था का अनुपालन और मेरिट और सीनियरिटी के नियम के बारे में बताया जाएगा।

अनुसूचित जाति (अजा) को 16 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति (अजजा) को 20 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान कैडर स्तर पर लागू होगा। यदि आरक्षित कोटे के पद भरे जा चुके हैं, तब पात्र अजा/अजजा वर्ग के व्यक्ति को अनारक्षित श्रेणी में स्थान मिल सकता है। भविष्य की डीपीसी में उस पद को आरक्षित कोटा में ही गिना जाएगा।

प्रत्येक पद के लिए दो गुना + 4 अभ्यर्थी बुलाए जाएंगे। जैसे 10 पद खाली हैं तो 24 लोग चयन प्रक्रिया में शामिल होंगे। पद भरने की प्राथमिकता में पहले अजजा, फिर अजा और अंत में अनारक्षित वर्ग को लिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, पदोन्नति नियमों को अंतिम रूप देने से पहले 27 ड्राफ्ट तैयार किए गए थे। अंततः मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से चर्चा कर कैबिनेट द्वारा स्वीकृत नियम को अधिसूचित किया जाएगा। जीएडी का दावा है कि यह नया नियम सभी वर्गों को समान अवसर सुनिश्चित करता है।

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