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मप्र को नशा मुक्त बनाने पुलिस विभाग की अनोखी, सीएम बोले- नशे की जद में आकर उजड़ जाते हैं कई परिवार

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भोपाल। मध्यप्रदेश को नशा मुक्त बनाने के लिए पुलिस विभाग ने अनोखी पहल की है। डीजीपी कैलाश मकवाना ने मंगलवार को पुलिस मुख्यालय, भोपाल नशा मुक्ति जन-जागरूकता अभियान ‘नशे से दूरी-है जरूरी’ का शुभारंभ किया। इस दौरान मकवाना ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के वीडियो संदेश का वाचन और अभियान के पोस्टर का विमोचन भी किया। सीएम डॉ. यादव ने कहा है कि नशा एक सामाजिक बुराई है। जो युवाओं, परिवार और समाज की जड़ों को खोखला बना रही है। नशे की जद में आकर कई परिवार उजड़ जाते हैं। नशा नाश की जड़ है, जो न केवल स्वास्थ्य को खत्म करता है बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी छिन्न-भिन्न करता है।

सीएम ने कहा कि यह अत्यंत दु:खद है कि युवाओं के बीच नशे का चलन तेजी से बढ़ रहा है। युवा देश का भविष्य हैं, उन्हें इस दलदल से बचाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह संकल्पित है। ‘नशे से दूरी है जरूरी’ अभियान चलाने का उद्देश्य न केवल नशे को रोकना है बल्कि समाज में नई चेतना जागृत करना भी है। उन्होंने प्रदेशवासियों से मप्र पुलिस द्वारा संचालित नशा मुक्ति अभियान को सफल बनाने का आहवान किया है।

परिवारों को बर्बाद कर रहा नशा
वहीं डीजीपी मकवाना ने कहा कि सीएम डॉ. यादव की प्रेरणा से समाज में नशे की प्रवृत्ति की प्रभावी रोकथाम के लिए यह जनजागरूकता अभियान ‘नशे से दूरी-है जरूरी’ मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों का सेवन युवाओं को खोखला कर उनके परिवारों को भी बर्बाद कर रहा है। देश एवं प्रदेश के शीर्षस्थ राजनैतिक नेतृत्व भी इस विकराल समस्या से चितिंत एवं इसके निदान के लिये प्रयासरत है। समाज की ये नैतिक जिम्मेदारी है कि नशे के दुष्प्रभावों से विशेषकर किशोर बच्चों और युवाओं को अवगत कराएं और नशे से दूर रखें। उन्होंने कहा कि हमारा है यही संदेश- नशा मुक्त हो मध्यप्रदेश।

हर दिन होंगी जागरूकता की गतिविधियां
अभियान के अंतर्गत पूरे प्रदेश में प्रतिदिन विभिन्न जन-जागरूकता गतिविधियाँ संचालित की जाएंगी जिनमें स्थानीय रेडियो और एफएम चैनलों के माध्यम से प्रसारण, सार्वजनिक स्थलों पर बैनर, पोस्टर, होर्डिंग्स का प्रदर्शन और पंपलेट का वितरण शामिल है। प्रिंट मीडिया, बस अड्डों और प्रमुख चौराहों पर डिजिटल स्क्रीन के माध्यम से वीडियो प्रचार किया जाएगा। सफाई वाहनों पर लगे पीए सिस्टम से नशे के दुष्प्रभावों की जानकारी दी जाएगी। अभियान में उच्च शिक्षा, ग्रामीण विकास, सामाजिक न्याय, खेल एवं युवा कल्याण, तकनीकी शिक्षा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, नगरीय विकास एवं आवास और स्कूल शिक्षा विभागों सहित एनजीओ और धार्मिक संस्थान की सक्रिय सहभागिता रहेगी।

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