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आमरण अनशन पर बैठे पीके को सोते में ही उठा ले गई पटना पुलिस, धरना स्थल को करा लिया खाली, जानें क्या हैं पूरा मामला

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पटना। बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर इन दिनों बिहार की सियासत गरमाई हुई है। इन सबके बीच बिहार से एक बड़ी खबर सामने आ गई है। बीपीएससी की परीक्षा को रद्द करवा री-एग्जाम की मांग लेकर आमरण अनशन पर बैठे जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने सुबह करीब 4.30 बजे धरना स्थल से उठा लिया है। बताया जा रहा कि पीके के खिलाफ पुलिस ने यह एक्शन लिया, तब वे अपने समर्थकों के साथ सो रहे हैं। पटना पुलिस ने धरनास्थल को खाली भी करा लिया है। पटना जिला प्रशासन का कहना है कि प्रतिबंधित क्षेत्र में गैर-कानूनी ढंग से धरना देने पर यह कार्रवाई की गई है।

प्रशांत किशोर को पटना के गांधी मैदान से जबरन हटाकर एम्बुलेंस से एम्स ले जाया गया था। लेकिन पुलिस पिछले पांच घंटे से उन्हें पटना के आसपास घुमा रही है। पुलिस उन्हें एम्स में एडमिट नहीं करा पाई क्योंकि वहां जन सुराज के समर्थक भारी संख्या में जमा हो गए। इसी वजह से पुलिस अब तक उनका मेडिकल जांच नहीं करा पाई है और उन्हें एंबुलेंस में लेकर घूम रही है। पुलिस ने धरना स्थल से 43 लोगों को और हिरासत में लिया गया है। इनमें से 30 लोगों का वैरिफिकेशन हो चुका है। इधर, पटना डीटीओ ने प्रशांत किशोर की वैनिटी वैन को भी जब्त कर लिया है। जिला प्रशासन ने इसकी जांच करवाने के आदेश दिये हैं।

जेडीयू बोली – छात्रों नकार दिया पीके को
जनसुराज की ओर से बताया कि प्रशांत किशोर को आज सुबह पुलिस आमरण अनशन से हिरासत में ले गई है और पिछले पांच घंटे से उन्हें पटना के आसपास घुमा रही है। पुलिस उन्हें एम्स में एडमिट नहीं करा पाई। सुबह साढ़े नौ बजे तक पुलिस उनका मेडिकल जांच नहीं करा पाई है और उन्हें एंबुलेंस में लेकर घूम रही है। वहीं प्रशांत किशोर के खिलाफ पुलिस के एक्शन पर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि छात्रों ने प्रशांत किशोर को नकार दिया। कंबल वाले प्रशांत किशोर और वैनिटी वैन वाले पीके को छात्र समझ चुके हैं। हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ गांधी मैदान में बैठकर प्रशांत किशोर ने नियमों की अनदेखी की। उनके खिलाफ प्रशासन ने नियमों के तहत एक्शन लिया है।

भाजपा ने कहा- जिस जगह पर पीके धरने पर बैठे वह प्रतिबंधित
बीजेपी ने प्रशांत किशोर को हटाए जाने पर प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि प्रशांत किशोर जी जगह धरने पर बैठे हुए थे, वह प्रतिबंधित क्षेत्र है। हाईकोर्ट ने भी उसे क्षेत्र में धरना प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसके बावजूद प्रशांत किशोर वहां धरने पर बैठे हैं। प्रशासन उन्हें चार दिनों से धरना खत्म करने के लिए कह रहा था। जब प्रशांत किशोर नहीं हटे तो आखिरकार विधि संवत कार्रवाई की गई।

‘मैं इतनी जल्दी बीमार नहीं’
जन सुराज के संस्थापक बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा 13 दिसंबर को आयोजित एकीकृत 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर गुरुवार, 2 जनवरी से आमरण अनशन पर बैठे हैं। इससे पहले आमरण अनशन के बीच अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंताओं को संबोधित करते हुए किशोर ने कहा, ‘यह हमारे लिए निर्णय का विषय नहीं है कि हम इसे (विरोध) जारी रखेंगे या नहीं। हम जो अभी कर रहे हैं वही करते रहेंगे, इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। हम ( जन सुराज पार्टी (जन सुराज पार्टी) 7 तारीख को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेगी। मैं इतनी जल्दी बीमार नहीं पड़ूंगा। मैं अभी ठीक हूं, सब मेरा गला थोड़ा-सा खराब है। डॉक्टरों ने मुझे सोने के लिए कहा है, कोई गंभीर बात नहीं है।

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