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भारत के जद में पाकिस्तान: लेफ्टिनेंट जनरल का दावा- हम जब चाहें तब अंदर घुसकर मार सकते हैं पड़ोसी को

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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। हालांकि भारतीय सेना ने पाकिस्तान को माकूल जवाब दे दिया है। आपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने जहां पड़ोसी के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया है। तो वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के करीब एक दर्जन एयरबेस को ध्वस्त किया है। इन सबके बीच अब सेना वायु रक्षा महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी’कुन्हा ने देश की सैन्य क्षमताओं को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि भारत की क्षमता इतनी है कि वह पूरे पाकिस्तान पर हमला कर सकता है।

एक बातचीत के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि भारत के पास पाकिस्तान की पूरी गहराई में लक्ष्य पर हमला करने की क्षमता है। आॅपरेशन सिंदूर से इतर अगर कहा जाए तो पूरी पाकिस्तान भारत की जद में हैं। भारत जब चाहे, जहां चाहे आतंक के ठिकानों को निशाना बना सकता है, उसे ध्वस्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारत के पास इतने हथियार और गोला-बारूद है कि हम पाकिस्तान में अंदर तक हमला कर सकते हैं। पूरा पाकिस्तान हमारी रेंज में है। फिर चाहे सेना अपना हेडक्वार्टर रावलपिंडी से खैबर पख्तूनख्वाह ले जाए या फिर कहीं और ले जाए। उन्हें छिपने के लिए एक गहरा गड्ढा खोजना होगा. सभी कुछ हमारी जद में है। उन्होंने कहा कि भले ही वे पाकिस्तानी सेना के जनरल मुख्यालय (जीएचक्यू) को रावलपिंडी से खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) जैसे क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दें, उन्हें सुरक्षा का भाव तब भी नहीं आएगा।

पाकिस्तान से निपटने में हम पूरी तरह से सक्षम
‘आॅपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत के जवाबी आक्रामक कार्रवाइयों ने अहम पाकिस्तानी एयरबेसों को सटीकता से निशाना बनाया। इस दौरान लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए लोइटरिंग म्यूनिशन का उपयोग किया गया। लोइटरिंग म्यूनिशन को आत्मघाती या कामीकेज ड्रोन्स भी कहा जाता है। ये अनमैन्ड एरियल हथियार हैं। इनकी खासियत ये है कि ये अपने टारगेट के ऊपर आसमान में मंडराते रहते हैं और कमांड मिलते ही दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर देते हैं। ये अपनी सटीकता के लिए जाने जाते हैं। लेफ्टिनेंट जनरल डी’कुन्हा ने कहा, ‘मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि भारत के पास पाकिस्तान से पूरी तरह निपटने के लिए हम पूरी तरह सक्षम हैं, चाहे वह हमारी सीमाओं से हो या फिर हमारी गहराई से, हम सभी जगह पाकिस्तान से निपट सकते हैं। उन्होंने कहा कि जीएचक्यू रावलपिंडी से केपीके या जहां भी वे जाना चाहें, वहां जा सकते हैं, लेकिन वे सभी हमारी जद में हैं, इसलिए उनके लिए जगह बदलना वास्तव में एक गहरा गड्ढा खोजने जैसा (पाताल में जगह खोजने जैसा) होगा।

‘हमारा काम अपनी संप्रभुता, अपने लोगों की रक्षा करना’
लेफ्टिनेंट जनरल डी’कुन्हा ने आगे इस बात पर जोर दिया कि सशस्त्र बलों का प्राथमिक कर्तव्य देश की संप्रभुता और उसके लोगों की रक्षा करना है। उन्होंने कहा, ‘हमारा काम अपनी संप्रभुता, अपने लोगों की रक्षा करना है। इसलिए मुझे लगता है कि हम अपनी मातृभूमि को इस हमले से बचाने में सक्षम हैं, जिसका मकसद नागरिक ठिकानों और हमारी छावनियों में बहुत सारी समस्याएं पैदा करना था। यह तथ्य कि हमने अपने लोगों को, न केवल अपनी नागरिक आबादी को यह आश्वासन दिया है, बल्कि हमारे अपने बहुत से जवान, अधिकारी, पत्नियां छावनियों में रह रहे थे, वे भी इन ड्रोन हमलों को लेकर चिंतित थे। हमने सुनिश्चित किया कि इससे कोई हताहत न हो, मुझे यकीन है कि इससे न केवल सैनिक को गर्व महसूस हुआ, बल्कि परिवारों को भी गर्व महसूस हुआ। अंत में भारत की आबादी को गर्व महसूस हुआ। मुझे लगता है कि यही बात है।’

 

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