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भारत के 3 सैन्य ठिकानों पर पाक के नाकाम हमले,राजस्थान में ब्लैकआऊट, हाईअलर्ट घोषित

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भारत-पाकिस्तान सीमा पर एक बार फिर हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। 7-8 मई की रात पाकिस्तान ने भारत के तीन सैन्य ठिकानों पर बड़ा हमला करने की साजिश रची, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम की सतर्कता ने इस मंसूबे को नाकाम कर दिया।

बीकानेर के नाल, बाड़मेर के उत्तरलाई और फलोदी एयरबेस पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए गए थे, जिन्हें समय रहते निष्क्रिय कर दिया गया। बीकानेर में नाल एयरबेस से कुछ किलोमीटर की दूरी करणीसर भाटियान क्षेत्र में देर रात ग्रामीणों को जोरदार धमाके की आवाज सुनाई दी।

गुरुवार सुबह जब ग्रामीण खेतों की ओर गए, तो उन्हें वहां बमनुमा धातु के अवशेष मिले। सेना और पुलिस की टीमें तत्काल मौके पर पहुंच गईं और पूरे इलाके को सील कर दिया गया है।

भारत सरकार की ओर से पीआईबी ने इस हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि सीमावर्ती इलाकों में पहले से तैनात अत्याधुनिक S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान की हर चाल को नाकाम किया। विभिन्न जगहों पर मिले मलबे से यह स्पष्ट हो गया है कि हमला पाकिस्तान की ओर से ही हुआ था।

पाकिस्तान की इस बौखलाहट के बाद गृह मंत्रालय की ओर से प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया। प्रदेश के सीमा से लगते इलाकों में ब्लैकआउट घोषित करने के निर्देश जारी किए गए हैं। राजस्थान पैरामेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी गईं हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। सीमाओं पर गश्त बढ़ाने के साथ-साथ उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। साथ ही स्कूलों को बंद कर दिया गया है।

अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि एहतियात के तौर पर श्रीगंगानगर, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर और बाड़मेर जिलों में सरकारी और निजी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। जोधपुर के सभी कॉलेजों को भी बंद रखने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा एहतियात के तौर पर बीकानेर, अजमेर के किशनगढ़ और जोधपुर हवाई अड्डों पर 10 मई तक उड़ानों का परिचालन निलंबित कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिति का जायजा लेने के बाद यह निर्णय लिया गया। सूत्रों के अनुसार मुख्य सचिव सुधांश पंत और राज्य पुलिस प्रमुख यूआर साहू ने संभागीय आयुक्तों, कलेक्टरों और पुलिस महानिरीक्षकों तथा पुलिस अधीक्षकों के साथ समीक्षा बैठक की और उन्हें अपने मुख्यालयों में मौजूद रहने के निर्देश दिए।

भारत-पाकिस्तान की 1070 किमी लंबी सीमा सील

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भारत-पाकिस्तान की 1070 किमी लंबी सीमा को पूरी तरह सील कर दिया गया है। वेस्टर्न सेक्टर के पांच से ज्यादा एयरबेस से लगातार फाइटर जेट्स गश्त कर रहे हैं। वहीं, सीमावर्ती गांवों में पाकिस्तानी सेना की हलचल भी देखी गई है।

10 मई तक बंद रहेंगे एयरपोर्ट्स और स्कूल

सुरक्षा कारणों से बीकानेर, किशनगढ़ और जोधपुर एयरपोर्ट्स से सभी उड़ानें 10 मई तक रद्द कर दी गई हैं। जयपुर एयरपोर्ट से भी गुरुवार को चार फ्लाइट्स कैंसिल की गई हैं। इंडिगो ने बीकानेर से अपनी सभी उड़ानों को 10 मई तक स्थगित कर दिया है। रेलवे ने भी उत्तर-पश्चिम रेलवे ज़ोन के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं।

सीमावर्ती क्षेत्रों में रात 12 से सुबह 4 बजे तक ब्लैकआउट

गृह मंत्रालय ने सीमावर्ती क्षेत्रों में रात 12 से सुबह 4 बजे तक ब्लैकआउट लागू करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही जोधपुर, फलोदी, जैसलमेर, बाड़मेर, श्रीगंगानगर और बीकानेर जिलों के सभी स्कूलों, आंगनबाड़ियों और मदरसों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। जोधपुर में कॉलेजों और परीक्षाओं को भी आगामी सूचना तक स्थगित कर दिया गया है।

अस्पतालों की व्यवस्था चाकचौंबद

राज्य के गृह विभाग ने वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए सभी जिला कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनन्द कुमार ने समस्त अस्पतालों में सभी प्रकार की आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं रखने, डॉक्टर मय स्टाफ के उपस्थित रहने और ब्लड बैंक में सभी ग्रुपों के रक्त की पर्याप्त मात्रा रखने के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके साथ ही चिन्हित अस्पतालों और स्कूलों में, जहां पर अस्थाई अस्पताल एवं लोगों के रहने की व्यवस्था की जा सकती है, वहां जनरेटरों की व्यवस्था भी सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

सोशल मीडिया पर साइबर सेल की नजर

पुलिस प्रशासन और साइबर सेल को सोशल मीडिया पर पूर्ण निगरानी रखने तथा देश के विरुद्ध भड़काऊ पोस्ट अथवा सामग्री पर तुरंत कानूनी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है, जिससे प्रदेश में माहौल खराब न हो।

अग्निशमन सेवा एक्टिव मोड पर

मुख्य सचिव द्वारा जारी निर्देशों में यह भी कहा गया है कि जिलों में अग्निशमन सेवाओं को एक्टिव मोड पर रखा जाए, जिले में संचार सेवाओं को सुचारू रखा जाए तथा पब्लिक एड्रेस सिस्टम पर्याप्त संख्या में चालू स्थिति में उपलब्ध रहे। जिले में समय-समय पर आपदा प्रबंधन योजना की मॉक ड्रिल की जाए और आपदा की स्थिति में गैर सरकारी संगठनों, राष्ट्रीय सेवा योजना, नेशनल कैडेट कोर की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

 

 

 

 

 

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