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विधानसभा शीत सत्र से पहले विपक्षी विधायक दल की बैठक, सरकार को घेरने बनेगी रणनीति

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मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने से ठीक पहले कांग्रेस ने सरकार को घेरने की तैयारी तेज कर दी है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने 30 नवंबर को विधायक दल की बैठक बुलाकर किसानों, कानून व्यवस्था और सरकार की कथित नाकामियों पर सत्र में आक्रामक रणनीति बनाने के संकेत दिए हैं।

मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है। मात्र पांच दिनों के इस छोटे सत्र में कांग्रेस ने सरकार को हर मोर्चे पर घेरने की तैयारी कर ली है।

विपक्ष का कहना है कि कम अवधि रखकर सरकार जनहित के मुद्दों से बचना चाहती है। इसी रणनीति को मजबूत करने के लिए नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने 30 नवंबर की शाम 7:30 बजे भोपाल स्थित बी-12 (ए), 74 बंगला, में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई है।

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि बैठक में सत्र की रूपरेखा तय की जाएगी और यह रणनीति बनाई जाएगी कि सीमित समय में अधिकतम मुद्दे किस तरह सदन में उठाए जाएं। उन्होंने कहा, सरकार ने हमारी आपत्ति के बावजूद सत्र को केवल पांच दिन का रखा है।

इसलिए कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों से लेकर युवाओं तक, हर वर्ग की समस्याओं को सदन में मजबूती से रखा जाए। सिंघार ने बताया कि भाजपा सरकार की विफल नीतियों, कथित अनियमितताओं और विभिन्न घोटालों को भी सत्र में जोरदार तरीके से उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जनता की आवाज बनकर सरकार को जवाब देने के लिए मजबूर करेगी।

कानून व्यवस्था और किसानों का दर्द रहेगा केंद्र में

कांग्रेस विधायक दल की बैठक में यह तय किया जाएगा कि किन मुद्दों को प्राथमिकता दी जाए। उमंग सिंघार ने कहा कि प्रदेश में लगातार बिगड़ रही कानून व्यवस्था, युवाओं से रोजगार के नाम पर किए जा रहे वादाखिलाफी और किसानों को मिल रहे समर्थन मूल्य जैसे विषयों को विशेष तौर पर उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में अपराध और अव्यवस्था के बढ़ते मामलों ने सरकार की पोल खोल दी है और सत्र में इन पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की मांग की जाएगी।

सत्र में चार बैठकें, सरकार लाएगी अहम विधेयक

पांच दिवसीय सत्र में कुल चार बैठकें प्रस्तावित हैं। सरकार इस दौरान नगरपालिका संशोधन विधेयक पेश करने की तैयारी में है। नए प्रावधानों के तहत नगर पालिका व नगर परिषद अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता द्वारा किए जाने का रास्ता साफ होगा। इसके साथ ही राइट टू रिकॉल का प्रावधान भी जोड़ा जाएगा, जिसके तहत चुने हुए अध्यक्ष को जनता आवश्यकता पड़ने पर वापस भी बुला सकेगी।

सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग

ग्वालियर ग्रामीण के कांग्रेस विधायक साहब सिंह गुर्जर और पृथ्वीपुर के विधायक नितेंद्र सिंह राठौर ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर आगामी शीतकालीन सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की है। विधायकों का कहना है कि किसान, ग्रामीण जनता और स्थानीय समस्याओं से जुड़े कई गंभीर मुद्दे हैं, जिन्हें इतने कम समय में सदन में प्रभावी तौर पर नहीं रखा जा सकता। दोनों विधायकों ने कहा कि जनता की उम्मीद है कि उनके मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हो और समाधान निकले, इसलिए सत्र की अवधि बढ़ाना आवश्यक है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी सोशल मीडिया पर सरकार पर सवाल उठाते हुए लिखा कि शीतकालीन सत्र की अवधि सिर्फ चार दिन रखी गई है, जो प्रदेश की जनता के हितों के लिए अपर्याप्त है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक दल लगातार मांग कर रहा है कि सत्र को विस्तार दिया जाए, ताकि जनता की समस्याओं पर गंभीर और व्यापक चर्चा हो सके। सिंघार ने कहा कि हमने पहले भी जनता की आवाज उठाई है और आगे भी सड़क से लेकर सदन तक उनकी समस्याओं पर सवाल उठाते रहेंगे। जनहित के मुद्दे न पहले रुके थे और न अब रुकेंगे।

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